पुलिस उपायुक्त पश्चिम राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि गत 8 अक्टूबर को मूलत: खेड़ी गांव हाल सांगरिया फांटा के पास कृष्णा नगर निवासी सुभाष (18) पुत्र जगदीशराम बिश्नोई की गोलियां मारकर हत्या की गई थी। इस मामले में बालोतरा जिले के कुड़ीपटाऊ गांव निवासी अनिल कुमार उर्फ अनिल गोदारा (20) पुत्र शैतानसिंह बिश्नोई, पाली में इन्द्रा कॉलोनी निवासी मोहम्मद आसिफ (27) पुत्र मोहम्मद इब्राहिम मोयला और भानू सिसोदिया (25) पुत्र माणक देवासी को कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेने के बाद पटियाला जेल से गिरफ्तार कर जोधपुर लाया गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। हत्या की साजिश रचने के आरोपी जितेन्द्र पुत्र पप्पाराम बिश्नोई को जेल भेज दिया गया है।
ऑटोमैटिक कैलिबर पिस्तौल से की थी हत्या
मृतक व आरोपी परिवार के बीच वर्ष 1970 से हत्या की अदावत चल रही है। दोनों पक्षों से दो-दो जनों की हत्याएं की जा चुकी हैं। गत 18 जनवरी को खेड़ी गांव में अनिल लेगा की गोली मारकर हत्या की गई थी। विष्णु व उसके नाबालिग भाई सुभाष को पकड़ा गया था। सुभाष कुछ माह पहले ही जमानत पर किशोर गृह से बाहर आया था। अनिल लेगा के भाई जितेन्द्र ने हत्या का बदला लेने के लिए अनिल गोदारा, मोहम्मद आसिफ व भानु सिसोदिया के साथ मिलकर साजिश रची थी। जितेन्द्र व अन्य तीनों आरोपी जेल में साथ बंद रहे थे, जहां सभी में मित्रता हुई थी। भानु सिसोदिया ने 70 हजार रुपए में हथियार उपलब्ध कराया था। अनिल ने एमडी ड्रग्स खरीदने के बहाने सुभाष से सोशल मीडिया के मार्फत सम्पर्क किया था। फिर एमडी ड्रग्स खरीदने पहुंचे तो शूटर ने गोलियों से भूनकर सुभाष की हत्या कर दी थी।
चुनावी दौर में सख्ती से पकड़ में आए
वारदात के बाद तीनों आरोपी बालोतरा भागे थे, जहां से वे उदयपुर गए थे। फिर दिल्ली भाग गए थे। इस दौरान सोशल मीडिया पर अनिल का सम्पर्क पंजाब के कुख्यात बदमाश नवजोसिंह जोटा से हुआ था। उसे संभवत: हथियार की जरूरत थी। तब वे उसे हथियार मुहैया करवाने के लिए चण्डीगढ़ रवाना हो गए थे, लेकिन हरियाणा में चुनावी की वजह से सख्ती के बीच मोहाली पुलिस ने डेरा बस्सी में अनिल, मोहम्मद आसिफ, भानू व नवजोतसिंह को पकड़ लिया था। इनसे .32 कैलिबर पिस्तौल, एक देसी पिस्तौल व चार जिंदा कारतूस जब्त किए गए थे।