शिखा तातेड़ Shikha Tated जो कि अपनी प्रोफेशनल पढ़ाई पूरी कर एक्सपोर्ट सेक्टर में जुटी। पिछले 11 साल से वो इसी क्षेत्र में लगातार अपना काम बेहतर कर रही है। वो बताती है कि टीम बिल्डिंग और टीम वर्क सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपनी टीम खुद तैयार की है और इसके लिए एक-एक कारीगर व डेडिकेटेड व्यक्ति को चुना है। उन्होंने समाज के उस ताने-बाने को भी चैलेंज किया है जिसमें महिलाओं को सिर्फ शौकियाना ही अपना प्रोफेशन चुनने का मौका दिया जाता है। वे अपने पति के साथ पूरा प्रोफेशनल तौर पर एक डायरेक्टर की भूमिका में हमारे फर्नीचर सेक्टर को विदेशों में पहुंचा रही है।
जेंडर इक्वालिटी के लिए कर रही संघर्ष शिखा बताती हैं कि मेल डोमिनेट सोसायटी में उनको काम करने में काफी समस्या आती है। पति अल्पेशतातेड़ व परिवार से अच्छा सपोर्ट मिला, लेकिन बाहर अधिकांश लोग बात करने से कतराते हैं। हालांकि अधिकांश काम विदेशों में पड़ता है तो वहां जेंडर समानता होने के कारण ज्यादा परेशानी नहीं आती। शिखा को देख उनकी परिचित अन्य महिलाएं भी कामकाज में उतरी हैं, जो कि एक अच्छा बदलाव है।
180 कंटेनर का एक्सपोर्ट वुडन फर्नीचर की कैटेगरी में शिखा का पैतृक ग्रुप 180 कंटेनर का एक्सपोर्ट हर महीने कर रहे हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर इनके ग्रुप से 1000 लोग रोजगार ले रहे हैं। मुख्य ग्रुप के साथ वे तीन और कंपनियां भी संचालित कर रहे हैं।