— ऐसे तैयार किया जाएगा किचन गार्डन में मौसमी व क्षेत्र विशेष के अनुरूप पौधों का चयन किया जाएगा। विद्यालय प्रबंधन किचन गार्डन के पौधों की सुरक्षा की व्यवस्था करेगा। साथ ही, किचन गार्डन के लिए बरसात के बाद भी पानी की व्यवस्था व बरसात के दौरान पानी की उचित मात्रा के लिए प्रबंधन करना होगा। अधिकारी समय-समय पर विद्यालय के निरीक्षण के दौरान किचन गार्डन का भी अवलोकन करेंगे।
— मिड डे मिल व औषधीय पौधों को प्राथमिकता किचन गार्डन में यथासंभव औषधीय व मिड डे मिल आदि में उपयोगी पौधों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे मिड डे मिल में उपयोग ली जाने वाली हरी सब्जियां आसानी से उपलब्ध होगी। साथ ही, विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधें भी उपलब्ध होंगे। नीम, तुलसी, मीठा ग्वारपाठा सहित विभिन्न प्रकार के फूलों वाले पौधें व फलदार पौधों से विद्यालय का वातावरण भी शुद्ध रहेगा।
— तत्कालीन संभागीय आयुक्त ने भी किया था अभिनव प्रयोग सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों के लिए यह अभिनव पहल है। यह व्यवस्था निजी संस्थानों व समस्त सरकारी कार्यालयों में जमीन व पानी की उपलब्धतानुसार लागू हो तो वातावरण स्वच्छ रहेगा व आर्थिक लाभ भी होगा। पूर्व में जोधपुर के तत्कालीन संभागीय आयुक्त डा समित शर्मा ने पौधारोपण का अभिनव प्रयोग सार्वजनिक स्थानों व विद्यालयों में कराया था व हरित जोधपुर अभियान के तहत कार्यक्रम चलाया था, जो काफी हद तक सफल रहा ।