पिछले कुछ सालों में देश में मूंग उत्पादन पर जोर दिया गया, परिणामस्वरूप आयात में कुछ कमी आई। मारवाड़ में करीब 22 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में मूंग की बुवाई होती है। इसमें सर्वाधिक मूंग उत्पादन वाले क्षेत्रों में नागौर,
जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़,
बाड़मेर, जैसलमेर आदि है। हालांकि इस बार बारिश की अधिकता की वजह से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है।
नागौर में सर्वाधिक बुवाई
प्रदेश में करीब 40 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुवाई होती है, जिससे करीब 12 लाख टन मूंग उत्पादन होता है। इसमें अकेले नागौर में मूंग की बुवाई करीब 6.25 लाख हेक्टयेर में होती है। वहीं जोधपुर में करीब 3 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है। नागौर में सबसे ज्यादा मूंग की खेती करने वाले क्षेत्र मेड़ता तहसील, रियां, डेगाना, मारवाड़ मूंडवा, जायल तथा परबतसर तहसील का कुछ हिस्सा है। जोधपुर में बिलाड़ा, जैतारण, डांगियावास आदि प्रमुख क्षेत्र है।
कृषि विवि भी तैयार कर रहा उन्नत बीज
कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर मूंग के उन्नत बीज उपलब्ध कर किसानों को वितरित कर रहा है। कृषि अनुसंधान केन्द्र जोधपुर के अलावा विश्वविद्यालय के अधीन संचालित हो रहे नागौर, जालोर, सुमेरपुर, सिरोही, मोलासर व समदड़ी के केन्द्रों पर मूंग के उन्नत बीज तैयार किए जा रहे है। जहां वैज्ञानिकों की देखरेख में उन्नत बीज तैयार कर मॉनिटरिंग की जा रही है। इस बार पूरे मारवाड़ में जमकर बारिश हुई। अब फसल पकने के समय भी कुछ क्षेत्रों में बारिश हो रही है। ज्यादा बारिश की वजह से मूंग की पैदावार प्रभावित होने की आशंका है।
- मोहनराम सारण, अध्यक्ष, ग्राम सेवा सहकारी समिति, दईकड़ा