रात में भी तलाश जारी
डीएफओ सरिता कुमारी ने बताया कि बुधवार पूरी रात हिरणों के एनक्लोजर के बाहर लेपर्ड को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाकर मॉनिटरिंग की गई, लेकिन पकड़ में नहीं आया। बुधवार रात को वेब कैमरा में लेपर्ड नजर आया था। रात में भी लेपर्ड की तलाश जारी है। रेंजर बालाराम ने बताया कि रात के बाद दिन में भी वनकर्मियों की दूसरी टीम निगरानी रख रही है। टीम में 15 से अधिक वनकर्मी ड्यूटी पर है।
मोर का करने वाला था शिकार
माचिया बायोलॉजिकल पार्क में सोमवार रात को दो बार लेपर्ड काले हिरणों के पिंजरे की तरफ आता देखा गया। रात साढे़ 9 बजे चिंकारा व काले हिरणों के पिंजरे के पास सर्विस लाइन की तरफ आया फिर भागकर झाड़ियों में चला गया। देर रात 2:30 बजे दोबारा विजिटर रोड पर घूमते हुए वहां बैठे मोर पर अटैक किया, लेकिन कुछ दूरी पर निगरानी करने वाले वन्यजीव प्रभाग की उड़नदस्ता टीम ने तुरंत टॉर्च लाइट फैंकी। इससे लेपर्ड मोर को दबोचने से पहले ही भाग गया। जोधपुर डीएफओ सरिता कुमारी व वनकर्मियों ने पूरी रात हिरणों के एनक्लोजर के बाहर लेपर्ड को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाकर मॉनिटरिंग भी की, लेकिन पकड़ में नहीं आया। लेपर्ड के डर से पिंजरे में वन्यजीवों को खाना और पानी देने वाले कर्मचारी व महिला वनकर्मी भी केज में दरवाजा बंद करके बैठे रहे।