दरअसल मोकलासनी गांव में 21 नवम्बर को चोरी की एक वारदात हुई थी। गांव में रहने वाले प्रधानाराम खींचड़ ने यह रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि प्रधानाराम अपने परिवार के साथ पूना में रहते हैं। गांव में उनके पुश्तैनी मकान में उनके माता-पिता और बहन हेमा रहती है। हेमा की जल्द ही शादी होने वाली है। परिवार का पुश्तैनी जेवर, सम्पत्ति, कैश और अन्य कीमती दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए प्रधानाराम ने घर में ही चार सौ किलो वजनी एक तिजोरी भी रखवाई। इसी में सारा कीमती सामान है और इसकी चाबी मां के पास रहती है।
कुछ दिन पहले प्रधानाराम ने अपनी बहन हेमा की शादी तय की। शादी नजदीक के गांव में रहने वाले जितेन्द्र से तय की थी। दोनों की कुछ समय पहले सगाई की गई। उसके बाद जल्द ही शादी होनी थी। लेकिन इस बीच जितेन्द्र अक्सर मिलने के लिए हेमा के घर आता था। हेमा से मिलने के लिए एक दिन जितेन्द्र घर आया तो हेमा ने तिजोरी खोल रखी थी। वहां पर सोना और पैसा देखकर जितेन्द्र का दिमाग घुम गया। उसने उसी समय चोरी का प्लान बना लिया।
लेकिन चाबी हेमा की मां के पास रहती थी। जो सिर्फ हेमा को ही दी जाती थी। जितेन्द्र ने हेमा को जाल में फंसाया। कहा कि अपन अपना घर अलग से बनाएंगे और उसके लिए कुछ पैसे की जरूरत होगी। कुछ पैसा मेरे पास है और कुछ तुमको लाना होगा। हेमा उसकी बातों में आ गई और उसने जितेन्द्र के कहे अनुसार कई बार में तिजोरी से करीब एक किलो सोना और लाखों रुपए कैश निकालकर जितेन्द्र को दे दिया। लेकिन 21 नवम्बर को चोरी का पता लग गया।
यह सोना जितेन्द्र ने अपने साथी अभिषेक के साथ मिलकर गोल्ड लोन देने वाली कई कंपनियों के यहां गिरवी रख दिया और पैसा उठा लिया। लेकिन अब राज खुलने पर पुलिस ने करीब चालीस लाख रुपए का सोना और करीब पौने दो लाख रुपए बरामद किए हैं। हेमा की भूमिका सबसे ज्यादा सामने आई है।