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जोधपुर मण्डल के जोधपुर, भगत की कोठी, महामंदिर, बाडमेर व जैसलमेर रेलवे स्टेशनों पर सर्कुलेटिंग एरिया में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) अवधारणा पर रेल कोच रेस्टोरेंट खोले जाने थे। इसके तहत रेलवे निजी संचालकों को एक खाली रेल कोच उपलब्ध कराना तय हुआ था। जिसमें संचालक की ओर से अपनी क्षमता और सुविधानुसार कोच को रेस्टोरेंट में बदलना तय हुआ था। रेस्टोरेंट में खाने की वस्तुएं, खाना पैक करने व साथ ले जाने की भी सुविधा होगी।
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प्लेटफॉर्म टिकट लेने की जरुरत नहीं
रेलवे स्टेशन के पार्र्किंग वाले क्षेत्र में रेल कोच रेस्टोरेंट होने की वजह से किसी ग्राहक को प्लेटफार्म टिकट लेने की जरुरत नहीं रहेगी। इसमें ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ आम लोगों को भी यह अनूठा आनंद लेने का मौका मिलेगा।
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2007 में मध्यप्रदेश में रेल कोच रेस्टोरेंट अवधारणा की शुरुआत
रेलवे बोर्ड ने कुछ वर्ष पहले देश में खराब व अनुपयोगी पड़े रेल कोचों का नवीनीकरण करके रेल भोजनालय स्थापित करने का फैसला किया था। अनेक शहरों में यह व्यवस्था पहले से चल रही है। उल्लेखनीय है कि सबसे पहले मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम ने 2007 में शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस टे्रन के कोच में रेल कोच रेस्टोरेंट की अवधारणा शुरू की थी।
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