जोधपुर

#sehatsudharosarkar चार साल बाद भी जोधपुर के एमडीएम के जनानाविंग में नहीं बन पाया एनआईसीयू, हालत गंभीर

बिल्डिंग भी झुक रही, जगह-जगह आ रही दरारें

जोधपुरSep 18, 2017 / 04:53 pm

Abhishek Bissa

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जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु रोग संस्थान उम्मेद अस्पताल का भार कम करने के लिए चार साल पहले मथुरादास माथुर अस्पताल में स्थापित जनाना विंग के हाल अब भी बेहाल है। यहां एनआईसीयू स्थापित नहीं किया गया है। एनआईसीयू के लायक बच्चों को सामान्य वार्ड व पीआईसीयू में ही शिफ्ट कर काम चलाया जा रहा है। जबकि करोड़ो रुपयों के उपकरण भी विभाग में कबाड़ बन रहे हैं।
 

सामान्य वार्ड में रखना खतरे से खाली नहीं

 

उम्मेद अस्पताल अस्पताल में नियोनेटल इंटेनसिव केयर यूनिट स्थापित है। जनाना विंग में अभी तक नियोनेटिव इंटेनसिव केयर यूनिट स्थापित नहीं है। जनाना विंग की शुरुआत अक्टूबर के साल २०१३ में हुई थी। एेसे में चार साल बाद भी डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन व सरकार यहां पर एनआईसीयू स्थापित नहीं कर पाया है। जानकार बता रहे है कि इसके लिए विभाग में कई लाखों रुपयों के उपकरण धूल फांक रहे है। वहीं यहां एनआईसीयू के बच्चों को सामान्य वार्ड में रख काम चलाया जाता है, जो कि नवजातों की जान पर भी खतरा है।

गांवों का विश्वास आज भी शहर पर

 

सरकार गांवों में चिकित्सा सुविधा बेहतरीन करने के लिए अरबों रुपए खर्च कर चुकी हैं, उसके बावजूद अभी तक ग्रामीणों का विश्वास शहर के प्रति है। इसी कारण से भी मातृ एवं शिशु रोग के संस्थान उम्मेद और जनाना विंग में हर रोज डेढ़ सौ प्रसव हो रहे है। वहीं दूसरी ओर से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के गायनी व पीडियाट्रिक चिकित्सक लाखों रुपए का वेतन उठा रहे है। हालात यह भी है कि कई उम्मेद और जनाना विंग के अलावा कई चिकित्सा संस्थानों में ऑपरेशन थियेटर भी विकसित नहीं है।

जर्जर हो रही जनाना विंग

 

चार साल पहले मातृ एवं शिशु रोग सेवा को जोधपुर में और अधिक बेहतर और सुविधापूर्ण बनाने के लिए उम्मेद के बाद मथुरादास माथुर अस्पताल में जनाना विंग स्थापित की गई थी, ये जनाना विंग पीडब्ल्यूडी के घटिया निर्माण के कारण चार साल में ही जर्जर होनी लगी है। यहां लेबर रुम और पीडियाट्रिक ओपीडी में पीओपी गिरने जैसी घटनाएं भी हो चुकी है। इसके अलावा कुपोषण उपचार केन्द्र के अंदर कई कक्ष भी जर्जर हो रहे है। गौरतलब है कि जनाना विंग की बिल्डिंग भी बाहर से जर्जर होनी लगी है।

लेबर रूम में दुव्र्यवहार!

 

वहीं अक्सर उम्मेद अस्पताल और एमडीएमएच जनाना विंग में लेबर रुम में प्रसूताओं के साथ दुव्र्यवहार करने का आरोप लगता है। प्रसूताओं और उनके परिजनों का कहना होता है कि अंदर ज्यादा दर्द होने और चिल्लाने पर चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थप्पड़ तक जड़ देते हैं। जो अमानवीय है। इसके अलावा प्रसूताओं पर अनुचित एवं निजी टिप्पणियां भी की जाती है।

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