जोधपुर. भारतीय वायुसेना (IAF) और रॉयल एयरफोर्स ऑफ ओमान के मध्य बीते एक सप्ताह से चल रहा युद्धाभ्यास eastern bridge-6 का समापन शुक्रवार को हो गया। ओमान की वायुसेना का विमान एयर बस ए-320 ओमान की वायुसेना के टीम के कुछ सदस्यों और सामान लेकर अपने देश रवाना हो गया जबकि लड़ाकू विमान एफ-16 के साथ ओमान के शेष वायु सैनिक शनिवार को लौटेंगे। ओमान की वायु सेना अपने साथ पांच एफ-16 लड़ाकू विमान लाई थी। जोधपुर एयरबेस में हुए इस युद्धाभ्यास में इस बार वायु सेना अध्यक्ष सहित सेना का कोई बड़ा अधिकारी शामिल नहीं हुआ। इस बार मीडिया को भी अनुमति नहीं दी गई।
भारत और ओमान के मध्य 19 से 25 फरवरी तक ईस्टर्न ब्रिज के छठे संस्करण का आयोजन किया गया। दोनों देशों के मध्य प्रत्येक 3 वर्ष में एक दूसरे के देश में युद्धाभ्यास का आयोजन किया जाता है ताकि एक दूसरे की वायुसेना के साथ युद्ध रणनीति साझा करने के साथ तालमेल व समझ विकसित कर सके।
इस बार जोधपुर में हुए युद्धाभ्यास में एफ-16 लड़ाकू विमानों के साथ जोधपुर एयरबेस पर तैनात सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान के अलावा वायुसेना के मिराज-2020 और जगुआर लड़ाकू विमानों ने भाग लिया। आसमान में ही दोनों देशों की वायुसेना ने काल्पनिक टारगेट करके युद्धाभ्यास किया था। दोनों देशों के वायु योद्धाओं ने एक दूसरे के लड़ाकू विमान में बैठकर फाइटिंग स्किल सीखी। गौरतलब है कि एफ-16 विमान पहली बार जोधपुर आया। एफ-16 लड़ाकू विमान अमेरिका का है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में इस लड़ाकू विमान का काफी बड़ा बेड़ा है। ऐसे में भारतीय वायुसेना को इस युद्धाभ्यास से भविष्य में काफी मदद मिलेगी।