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जोधपुर

Diwali 2024: इस बार ही नहीं, अगले साल भी दीपावली की तारीख को लेकर असमंजस! जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष

Diwali 2024: जोधपुुर शहर के प्रमुख ज्योतिषियों का मत है कि वर्ष 2025 में कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर को दोपहर 3.45 बजे शुरू होकर दूसरे दिन 21 अक्टूबर को शाम 5.55 बजे तक रहेगी।

जोधपुरOct 23, 2024 / 09:17 am

Rakesh Mishra

diwali 2024
Diwali 2024: तिथियों में घटत-बढ़त को लेकर असमंजस, मत-मतान्तरों से हिन्दू पर्व-त्योहारों के आयोजन को लेकर भ्रम की स्थिति बन जाती है। इस बार कार्तिक अमावस्या पर दीपावली आयोजन को लेकर पंचांगकर्ताओं-ज्योतिषियों के अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं, हालांकि अधिकांश ज्योतिषियों का मत 1 नवम्बर को दीपावली मनाने का है। यह असमंजस इस बार ही नहीं, अगले साल यानि 2025 में दीपावली आयोजन को लेकर भी रहेगा।
जोधपुुर शहर के प्रमुख ज्योतिषियों का मत है कि वर्ष 2025 में कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर को दोपहर 3.45 बजे शुरू होकर दूसरे दिन 21 अक्टूबर को शाम 5.55 बजे तक रहेगी। यहां पर भी दोनों दिन प्रदोष व्यापिनी अमावस्या रहेगी, लेकिन मार्तण्ड पंचांग व दिवाकर पंचाग सहित अन्य ज्योतिष ग्रन्थों के अनुसार, 21 अक्टूबर को दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा।

यह है ज्योतिषियों का मत

अमावस्या इस बार 31 अक्टूबर व 1 नवम्बर दोनों दिन रहेगी। ज्योतिषियों का मत है कि कार्तिक कृष्ण अमावस्या दीपावली 1 नवम्बर को मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा। जोधपुर के पं रमेशप्रकाश दवे के अनुसार अमावस्या 31 अक्टूबर गुरुवार को अपराह्न 3.53 बजे से शुरू होगी, जो 1 नवम्बर को शाम 6.17 बजे समाप्त होगी। इस दिन सूर्यास्त शाम 5.52 बजे होगा। सूर्यास्त के 25 मिनट बाद तक अमावस्या रहेगी। 1 घटी अर्थात 24 मिनट तक सूर्यास्त के बाद अमावस्या हो, और उस दिन प्रतिपदा हो तो, 1 नवम्बर को दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत माना जाता है।

ग्रन्थों में उल्लेख

पं. नारायण दत्त दवे सरदारजी, पं. धीरेन्द्र दवे, पं. नवीन दवे, पं रमेश द्विवेदी आदि ज्योतिषियों का मानना हैं कि जयसिंह कल्पद्रुम, धर्मसिन्धु, निर्णयसिन्धु, तिथि तत्व, निर्णयसागर, अर्जुन पंचांग, गीता पंचांग, सम्राट पंचांग, वशिष्ट पंचांग, अर्बुद पंचांग आदि में 1 नवम्बर को दीपावली आयोजन का उल्लेख किया गया है।
जोधपुर के किला रोड महादेव अमरनाथ के पं कमलेशकुमार दवे का मानना है कि श्रीमाली ब्राह्मण समाज में अपने पूर्वज की वार्षिक बरसी से पहले जलाशयों पर किया जाने वाला दीपदान कार्यक्रम अमावस्या के दिन किया जाता है। इस बार 31 नवम्बर को सुबह अमावस्या काल नहीं रहेगा, एक नवम्बर को सुबह अमावस्या तिथि रहेगी, तो उस दिन दीपदान कार्यक्रम होगा, तो ऐसे में दीपावली भी उसी दिन करना शास्त्र सम्मत रहेगा।

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