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समाज विशिष्ट संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है
पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि देवासी समाज राजस्थान में एक विशिष्ट संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन कालान्तर में शैक्षणिक रूप से पिछड़ गया और संख्या के अनुरूप सता में साझेदारी नहीं मिली, जो अब बदलते समय के अनुसार जरूरी है। पूर्व विधायक रतन देवासी रानिबाग ने कहा कि देवासी समाज 20 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा क्षेत्रे में जीत-हार तय करती है। प्रेमाराम नेतरा ने आहवान करते हुए कहा कि यदि देवासी समाज को किसी भी पार्टी ने 5 से कम टिकट दिए तो चुनावों में उसका बहिष्कार किया जाएगा।
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भीड़ देख पुलिस सहमी, फिर राहत की सांस लीमहाकुम्भ में शामिल होने के लिए लाल पगड़ी व सफेद वस्त्र पहने समाज के लोग शुक्रवार देर रात ही जोधपुर पहुंच गए थे। पाल रोड व 12वीं रोड के आस-पास रुके थे। गश्त कर रही पुलिस को रात्रि में ही लोगों के पहुंचने का पता लगा तो माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लग गईं थी। रविवार सुबह नौ बजे से हूजूम उमड़ने लगा। जबकि इनकी तुलना में पुलिस जाब्ता काफी कम था। एकबारगी पुलिस अधिकारियों के पसीने छूट गए और ललाट पर चिंता की लकीरें उभरने लगी, लेकिन देवासी समाज के पुरुष व महिलाएं शांति के साथ सभा में शामिल हुईं। सांचौर में 7 अगस्त को गोलियां मारकर शराब कारोबारी लक्ष्मण देवासी की हत्या कर दी गई थी। महाकुम्भ में आए लोगों में इस हत्याकाण्ड के प्रति रोष था। उन्होंने सभी हत्यारों की गिरफ्तारी व फांसी देने की मांग की।
अखिल राजस्थान स्तर पर हुए समाज के महाकुंभ में देशभर से समाज के लोगों ने भाग लिया। राजस्थान, गुजरात, तमिलनाड़, महाराष्ट्र, तेलंगाना सहित देशभर से देवासी समाज के लोग आए। महंत योगी लक्ष्मणनाथ, केंद्रीय ऊन कल्याण बोर्ड अध्यक्ष गोरधन राईका, भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश खाराबेरा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सतपाल देवासी, पूर्व राज्यसभा सदस्य सागरभाई राईका, ऊन बोर्ड अध्यक्ष गोरधन राईका, पूर्व मंत्री गुजरात सरकार रणछोड़ भाई, विधायक धानेरा (गुजरात)भावजी भाई, सांवलाराम देवासी भीनमाल, हीराभाई कांग्रेस महाराष्ट्र, खेमराज देसाई (अध्यक्ष, देवासी समाज), छोगाराम (संभागीय आयुक्त) सहित बड़ी संख्या में समाज बंधुओं ने भाग लिया। वहीं महिलाएं भी पारंपरिक पोशाक में नजर आई।
– संख्यावल के अनुरूप राजनीतिक भागीदारी।
– आरक्षण की विसंगतियां दूर की जाए।
– ब्लॉक स्तर पर निष्क्रमणीय आवासीय विद्यालय।
– पशुपालक बिरादरी व भूमिहीन देवासी समाज के लोगों को गांवों में पट्टा दिया जाए। रेवड़ चराने वाले लोगों को सरकार पट्टा आवंटित करे।
– घुमंतू परिवार के बच्चों के लिए प्रदेशभर में आवासीय विद्यालय खोले जाएं।