आचार्य पंडित पुखराज द्विवेदी बताते हैं कि तोरणेश्वर महादेव मंदिर चमत्कारों से भरा हुआ हैं, जिसके कारण यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता हैं। बताया जाता है कि अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने से उनकी बहन देवी सुभद्रा का हरण कर यहां लाये थे तथा यहां पर तोरण बांधने की रस्म निभाई थी। तब से ही इस महादेव का नाम भी तोरणेश्वर महादेव हो गया। तोरणेश्वर महादेव मंदिर में सावन माह के दूसरे सोमवार को प्रतिवर्ष मंदिर प्रांगण में विशाल मेले का आयोजन होता हैं। जिसमें जोधपुर जिले सहित पाली, बाडमेर, जालोर सहित कई गांवों के हजारों श्रद्वालु भाग लेते हैं।
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तोरणेश्वर महादेव मंदिर से सुभद्रा माता मंदिर तक गुफा तोरणेश्वर महादेव मंदिर कस्बे के निकटवर्ती पाली जिले के देवान्दी गांव के पास स्थित है। तोरणेश्वर महादेव मंदिर से जोधपुर जिले की पंचायत समिति लूणी क्षेत्र के सर गांव की पहाड़ी पर स्थित देवी सुभद्रा माता के मंदिर तक गुफा बनी हुई है, जिसे अब बंद कर दिया गया है। कहते हैं यहां से देवी सुभद्रा व अर्जुन आते जाते थे। सर की पहाडी पर आज भी सुभद्रा माता का मंदिर स्थित हैं।Monsoon Alert: किसी भी वक्त शुरु हो सकती है भारी बारिश, मौसम विभाग की बड़ी चेतावनी जारी
सुभद्रा-अर्जुन ने बसाया भाद्राजून ग्रामीण बताते हैं कि तोरणेश्वर महादेव मंदिर में अर्जुन-सुभद्रा ने तोरण बांधने की रस्म अदा कर यहां से वापस प्रस्थान किया तो आगे जाकर भाद्राजून गांव बसाया। बताया जाता हैं कि भाद्राजून का नाम पहले सुभद्राअर्जुन था लेकिन धीरे-धीरे नाम परिर्वतन होता गया और आगे जाकर गांव का नाम भाद्राजून हो गया जो आज जालोर जिले में स्थित हैं।