बढ़ रही जोधपुर की भागीदारी, अलग फेयर पर मंथन
राकेशकुमार ने कहा कि दिल्ली फेयर में जोधपुर की भागीदारी बढ़ती जा रही है। चीन के गोंझाउ में एक फेयर चार चरणों में होता है, जिसमें अंतिम चरण में फर्नीचर फेयर होता है। इसी तर्ज पर इपीसीएच दिल्ली हैण्डीक्राफ्ट फेयर के साथ ही अलग से हैण्डीक्राफ्ट फर्नीचर फेयर कराने पर विचार कर रहा है। जो जोधपुर की हैण्डीक्राफ्ट इंडस्ट्री के लिए मील का पत्थर साबित होता व यहां के निर्यातकों को एक अलग प्लेटफॉर्म मिलेगा।
2019 के फेयर में जितनी जगह मिली, इस बार भी उतनी ही जगह मिलेगी राकेशकुमार ने बताया कि आगामी मार्च में होने वाले फेयर में स्पेस को लेकर दिक्कत नहीं है। वर्ष 2019 में निर्यातकों को जितनी जगह मिली, उसी आधार पर इस बार स्टॉल आवंटन किया जा रहा है।
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जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत दिनेश ने बताया कि हैण्डीक्राफ्ट का कोई स्वरूप नहीं होता। फर्नीचर सॉलिड वुड का होता है, इसमें हैण्ड टूल्स काम में लेते है, जबकि फिनीशिंग हाथ से ही करते है। सरकार से हैण्डीक्राफ्ट को एचएसएन कोड में वापस लेने की मांग कर रहे है।