वर्तमान में संचालित स्कूल के छप्पर में दो छोटे – छोटे कमरे है जिस में एक कमरा ऑफिस के लिए काम में लिया जाता है वही दूसरे कमरे में मिड डे मिल के तहत बनने वाले भोजन को बनाया जाता है। ऐसे में पांच कक्षाओं के बच्चे जगह नही होने से कमरों के आगे बने तीन तरफ से खुले छप्पर के नीचे बैठ अध्ययन करने को मजबूर है । छप्पर के नीचे बनी दीवार पर ही दो ब्लैकबोर्ड बने है जिस के चलते अध्यापकों की ओर से सामूहिक रूप से ही बच्चो को इन ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाया जाता है ,ऐसे में अध्यापकों व विद्यार्थियों को पढ़ने में काफी कठिनाई का सामना भी करना पड़ता है।
छप्पर तीन तरफ से खुला है सर्दी के मौसम में बच्चो को ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ता है। वहीं बारिश के मौसम में पानी कई बार सीधा छप्पर में आ जाता हैं जिससे यहां कि सारी व्यवस्थाएं डगमगा जाती हैं।
एक ओर जहां हर बार प्रवेशोत्सव धूमधाम से मनाकर नवप्रवेशित बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया जाता है वहीं नटियों की ढ़ाणी के प्राथमिक विद्यालय विद्यालय के पिछले लम्बे समय से एक जैसे हालात को देखकर अभिभावक अपने बच्चों को प्रवेश दिलवाने से कतरा रहे है। ये विद्यालय सत्र 2010-11 के सत्र से 149 विद्यार्थियों के नामांकन के साथ शुरू हुआ था जो की अब सिर्फ 62 हो गया है। कक्षा पांच में पढने वाले छात्र वीर का कहना है कि हमारे स्कूल के कोई चहारदीवारी नहीं होने के कारण मवेशी घुस जाते है और कभी- कभी पुस्तकें भी खा जाते है।
2018 -19 में 84
2019 -20 में 88
2020 -21 में 93
2021 -22 में 106
2022 -23 में 96
2023 -24 में 62 इनका कहना है…
तिंवरी जेडीए क्षेत्र में आता है इसलिए पिछले काफी समय से स्कूल के लिए भूमि आवंटन के लिए प्रयास किया जा रहा था। अब कुछ ही समय पहले भूमि का आवंटन हुआ है । उम्मीद है अब जल्द बजट स्वीकृत होगा व नए भवन का निर्माण कार्य चालू हो जाएगा।
रतिराम सपुनिया ( कार्यवाहक सीबीईओ ,तिंवरी )