इसमें बड़ों की तरह की बच्चों में प्लेटलेट्स घट रही है, लेकिन अधिकांश में बच्चों को डेंगू की पुष्टि नहीं हो रही। यह बीमारी उनको बड़ों से ही आ रही। अभी तक शिशु अस्पतालों में ओपीडी 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ गई है। इनमें मौसमी बीमारियों के मरीज ही ज्यादा हैं। यह आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। इसके लिए उम्मेद अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अफजल हकीम ने बताया कि आने वाले दिनों में अस्पताल पर बोझ बढ़ेगा, उसके लिए तैयारी पूरी कर ली है।
दो साल तक के बच्चे नहीं बता पाते लक्षण
बीमार होने वाले नवजात बच्चे बीमारी के लक्षण भी नहीं बता पा रहे। ऐसे में सामान्य पैरासिटामॉल से ही काम चलाना पड़ रहा है, लेकिन यह कई बार ज्यादा असर नहीं करती। चिकित्सक बता रहे हैं कि कई ग्रामीण क्षेत्र में इस वायरल बीमारी में भी माता-पिता मनमर्जी से दवा दे रहे हैं, जो कि खतरनाक है।
कोविड की तरह सावधानी जरूरी
बच्चों को ज्यादा दवा देने से बचना चाहिए। वहीं इन दिनों हर घर में बड़े बीमार हैं। ऐसे में कोविड की तरह सावधानी जरूरी है। वायरल बीमारी का असर साफ देखने को मिल रहा है। बड़ों के इफेक्ट बच्चों में आ रहे हैं। सरहदी क्षेत्र में बच्चों में फैला डेंगू-मलेरिया
जोधपुर के अस्पतालों में बाड़मेर-जैसलमेर जिलों से कई बच्चे भर्ती हो रहे हैं। यहां लगातार डेंगू व मलेरिया के मरीज सामने आ रहे हैं। एमडीएम व उम्मेद अस्पताल में ऐसे मरीज भर्ती हैं।