कार्यशाला की शुरुआत एलपीपीएस के निदेशक हनवंत सिंह राठौड़ ने करते हुए पूर्व सांसद गजसिंह का धन्यवाद भी ज्ञापित किया। डॉ. इल्से कोहलर-रोलेफसन ने राजस्थान में रायका और अन्य ऊंट प्रजनन समुदायों की ओर से किए जा रहे प्रतिनिधित्व को लेकर ऊंट संस्कृति के बारे में विस्तार से बताया। एनएसीआरओए के अध्यक्ष डुग बॉम ने ऊंटों की भलाई के बारे में जानकारी दी। संयुक्त अरब अमीरात स्थित नोमैडिक न्यूट्रिशन के सीईओ ऑगस्टा डी लिसी ने राजस्थान के ऊंट के दूध पाउडर का उपयोग करने पर जोर दिया।
प्रतिभागियों ने ऊंट संरक्षण के लिए सार्वजनिक क्षेत्रों और गांव के चरागाह क्षेत्रों के संरक्षण की आवश्यकता के साथ जंगलों में भी ऊंट चराई की अनुमति दी जाने पर सहमति जताई। कार्यशाला में एनीमिया के लिए लाभदायक ऊंटनी के दूध के पोषण मूल्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया। कार्यशाला में वलेरी क्रेनशाॅ, वेण्डी फीफ, जेनिफर लागुस्कर, गाय सिकलस, डाॅ. किली स्मिथ, रविन्द्रसिंह राठौड़, डाॅ. टीके गहलोत, डाॅ. अर्थबंधु साहू, डाॅ. सावल, डालीबाई राईका, भंवरलाल राईका अन्य लोगों ने भाग लिया।