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चातुर्मास सामान्यतया 4 महीने का होता है, लेकिन इस साल अधिक मास होने के कारण चातुर्मास 5 महीने का होगा। देवशयनी एकादशी 29 जून को है। इस दिन से भगवान विष्णु देवोत्थानी एकादशी तक के योग निद्रा में चले जाएंगे। फिर वे देवउठनी एकादशी को योग निद्रा से बाहर आएंगे, तब चातुर्मास का समापन होगा। देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को है। इस तरह से चातुर्मास 30 जून से लगेगा और 23 नवंबर को खत्म हो जाएगा।
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चातुर्मास में पड़ने वाले प्रमुख व्रत त्योहार चातुर्मास को सनातन धर्म के अनुयायी बहुत अधिक मानते हैं। जैन धर्म के लिए भी यह 4 महीने बहुत बहुत अधिक महत्व रखते है। वहीं चातुर्मास के दौरान कई प्रमुख व्रत-त्योहार पड़ते हैं, जिसमें सावन सोमवार, रक्षाबंधन, नागपंचमी, गणेशोत्सव, पितृ पक्ष, नवरात्रि, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, राधाष्टमी, अनंत चतुर्दशी, कजरी तीज, हरतालिका तीज, ऋषि पंचमी, परिवर्तिनी एकादशी, अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन आदि कई मासिक त्योहार भी शामिल हैं।
चातुर्मास में नहीं किए जाते ये कार्य चातुर्मास के दौरान पूजा पाठ और अनुष्ठान करने का विशेष महत्व होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, लेकिन शादी-विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश, नया वाहन खरीदना, नई प्रोपर्टी खरीदना या फिर नया बिजनेस शुरू करने जैसा कोई शुभ काम नहीं किए जाते हैं।