पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राममूर्ति जोशी ने बताया कि खेडापा गांव निवासी सुरेश ने साइबर ठगों के जाल में फंसकर एक लाख रुपए गंवा दिए। इसका पता लगने पर उसने साइबर अपराध के टोल फ्री नम्बर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। साथ ही खेड़ापा थाने में लिखित शिकायत दी। इसी तरह मोहम्मद अली के बैंक खाते से 14,600 रुपए निकाल लिए गए। शिकायत के आधार पर उपाधीक्षक रतनसिंह के निर्देशन में साइबर सेल के कांस्टेबल पुखराज व दयालसिंह ने जांच की तो ठगी की सम्पूर्ण राशि बैंक खातों में जमा मिली। जिन्हें पहले होल्ड करवाया गया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एक लाख रुपए और 14,600 रुपए संबंधित परिवादियों को रिफण्ड करवाए।
साइबर ठगी हो जाए तो ये कदम उठाएं…
– साइबर अपराध के टोल फ्री नम्बर 1930 पर काॅल अथवा cybercrime.gov.in पर लाॅगिन कर तुरन्त शिकायत दर्ज करवाएं। – ओटीपी, पिन या सीवीवी नंबर शेयर न करें। – ऑनलाइन अकान्ट्स या नेटबैंकिंग के एल्फान्यूमैरिक स्पेशल कैरेक्टर के साथ कॉम्प्लेक्स पासवर्ड रखें। – नाम, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि को पासवर्ड न बनाएं। – लॉटरी, कैश बैक, रिफण्ड, जोब्स, गिफ्ट आदि ऑनलाइन लालच से सावधान रहें।
– यूपीआइ पिन व क्यूआर कोड स्कैन का प्रयोग सिर्फ भुगतान करने के लिए किया जाता है न कि धन राशि प्राप्त करने के लिए। – सोशल मीडिया अकाउन्ट्स पर टू स्टेप वेरिफिकेशन या टू फेक्टर ऑथेंटिफिकेशन ऑन रखें।