रविवार का दिन गर्मी से परेशान करने वाला था। लेकिन संडे कफ्र्यू हटते ही लोग नियमों की पालना तक भूल गए। कायलाना, मंडोर सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर भीड़ उमड़ी। पर्यटन को बढ़ावा मिले तब तक तो ठीक है, लेकिन मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी गुल रही।
आंकड़ों की बात करें तो जोधपुर जिले में युवाओं का अब तक महज २५ प्रतिशत ही वैक्सीनेशन हुआ है। शहर में यह औसतन ४० प्रतिशत है। एेसे में बाजार में जिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों को रात ८ बजे तक खोलने की अनुमति है वहां सभी का वैक्सीनेशन हो रखा है या नहीं यह जांच भी नहीं हो रही।
– ६६ हजार से ज्यादा संक्रमित – ११३३ मौतें हुई
– ४० दिन से कुछ हालात सामान्य होने लगे हैं (अप्रेल-माह के संक्रमित-मौतों के आकड़े )
लॉकडाउन से थम चुकी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए व्यापारिक गतिविधियां जरूरी है। इसमें खौफ बिल्कुल भी न हो, लेकिन सावधानी भी जरूरी है। जिस ‘कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर’ के बारे में बार-बार बताया जा रहा है, कम से कम उनका तो पालन होना ही चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक तीसरी लहर की आशंका है, यदि जोधपुर में इसकी आहट होती है तो वर्तमान हालात देखते हुए दूसरी लहर की ही तरह तीसरी लहर भी तेजी से फैलेगी और मारक हो सकती है।