Weather Alert: बिपरजॉय की तूफानी बारिश ने बदल दी रेगिस्तान की किस्मत, हुआ ऐसा चमत्कार
मौसम विभाग के मुताबिक, जोधपुर संभाग की कुल बारिश की बात करें तो सामान्य बारिश का आंकड़ा 18.68 एमएम है और वास्तविक बारिश 193.88 एमएम दर्ज की गई है जो 937.7 प्रतिशत ज्यादा है।
जोधपुर। राजस्थान में सक्रिय बिपरजॉय की तूफानी बारिश ने रेगिस्तान के सूखे बांधों को हरा कर दिया। मात्र दो दिन की बारिश ने पुराने सभी रेकॉर्ड तोड़ दिए। जून से अब तक कुल बारिश की बात करें तो जोधपुर संभाग में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है, जबकि मानसून के दौरान भी जोधपुर संभाग बारिश के मामले में अक्सर पीछे रहा है। बड़ी बात तो यह है कि संभाग के जैसलमेर को छोड़कर अन्य सभी जिलों ने जून की बारिश का नया रेकॉर्ड तैयार किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, जोधपुर संभाग की कुल बारिश की बात करें तो सामान्य बारिश का आंकड़ा 18.68 एमएम है और वास्तविक बारिश 193.88 एमएम दर्ज की गई है जो 937.7 प्रतिशत ज्यादा है।
जोधपुर संभाग के हालात सुधरे राजस्थान में बांधों के कुल भराव की बात करें तो जोधपुर संभाग में पिछले साल 18 जून तक कुल भराव का 1.95 प्रतिशत पानी ही बचा था और जलसंकट की स्थिति पैदा हो गई थी। लेकिन, बिपरजॉय चक्रवात ने जोधपुर संभाग की किस्मत बदल दी है। वर्तमान में कुल भराव क्षमता का 22.11 प्रतिशत पानी है, जो आज से पहले किसी भी साल नहीं दिखाई दिया। उधर, मानसून के दौरान भी इतने पानी की आवक नहीं हुई। अब माना जा सकता है कि मानसून के दौरान जोधपुर के बांधों में और पानी की आवक होगी।
दो दिन में 24 स्थानों पर एक्स्ट्रीम बारिश दर्ज जलसंसाधन विभाग की रिपोर्ट पर नजर डालें तो 17 और 18 जून (शाम 6 बजे तक) प्रदेश में कुल 419 स्थानों पर बारिश दर्ज की गई है। इनमें भी 24 स्थानों पर एक्स्ट्रीम बारिश हुई। जबकि 33 स्थानों पर भारी और 129 स्थानों पर सामान्य बारिश दर्ज हुई है।
बांध लबालब, सिंचाई और पेयजल के लिए फायदा बारिश के मौसम से भी ज्यादा बारिश हुई। इससे बांधों में पानी की तेजी से आवक हुई। जोधपुर संभाग के 27 बांध लबालब हो गए हैं। नदियां और कुएं रीचार्ज हो गए। अब मानसून की बारिश से बांधों में अतिरिक्त पानी की आवक होगी। इससे ङ्क्षसचाई और पेयजल के लिए फायदा पहुंचेगा। मारवाड़ में यह बारिश के एक तरह से वरदान है।
अमरसिंह, मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग, जोधपुरखेतों में लहलहाएगी फसलें जून माह में हुई बारिश से बांधों व नदी-नालों में पानी की आवक हुई है, जिससे कुएं रीचार्ज होंगे। इसका पेयजल के साथ ही किसानों को फायदा होगा। खेतों में फसलें लहलहाने से भूमि पुत्रों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा।
– सोहनलाल जाट, किसान, राजकियावास
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