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जोधपुर

शादी के 8 साल बाद RAS बनी गरूड़ कमांडों की पत्नी पूनम

RAS 2018
– पीपाड़ की पूनम को मिली आरएएस-2018 में 13वीं रैंक- बारामूला में तैनात बीएसएफ असिस्टेंट कमाण्डेंट की पहले प्रयास में ही 16वीं रैंक- नीतू की 53 और मनोज की 64 वी रैंक

जोधपुरJul 15, 2021 / 07:34 pm

Gajendrasingh Dahiya

शादी के आठ साल बाद आरएएस बनी गरूड़ कमांडों की पत्नी पूनम

शादी के आठ साल बाद आरएएस बनी गरूड़ कमांडों की पत्नी पूनम

जोधपुर. जिले के पीपाड़ सिटी के मलार गांव की रहने वाली पूनम चोयल ने आरएसएस परीक्षा-2018 में पूरे प्रदेश में 13वीं रैंक हासिल की। पूनम अभी पाली में सहकारिता विभाग की सहायक रजिस्ट्रार है। उन्होंने यह सफलता शादी के आठ साल बाद प्राप्त की। पूनम के पति भारतीय वायुसेना में गरुड़ कमाण्डो है। पूनम का बुधवार को गांव पहुंचने पर गाजे- बाजों के साथ स्वागत किया गया।
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने मंगलवार देर रात आरएएस-2018 परीक्षा का परिणाम जारी किया था। पूनम का यह तीसरा प्रयास था। पूनम ने बताया कि सफलता के लिए लगन 100 प्रतिशत होनी चाहिए और उन्होंने यही किया। पढ़ाई के लिए उन्होंने घर में होने वाले कई निजी समारोह तक में भाग नहीं लिया। पूनम अपने पटवारी भाई भवानी शंकर से प्रेरित रही हैं। उनके पिता चौथाराम किसान और पप्पुदेवी गृहिणी हैं।
पहले नौ सेना, फिर बीएसएफ और अब आरएएस
बारामूला में बीएसएफ के असिस्टेंट कमाण्डेंट गंगाणी गांव के रवि प्रकाश लक्षकार ने आरएएस में 16वी रैंक हासिल की है। रवि का यह पहला प्रयास था। बगैर कोचिंग केवल सेल्फ स्टडी से यह सफलता प्राप्त की। दसवीं तक की पढ़ाई गांव में, फिर जोधपुर में करने वाले रवि ने 17 साल की उम्र में नौ सेना जॉइंन की थी। इसके बाद वर्ष 2016 बीएसएफ में आए। पिता मनोहरलाल लखारा साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
थर्ड ग्रेड, सैकेण्ड ग्रेड, फस्र्ट ग्रेड और अब आरएएस
मूल रूप से नागौर के बुटाटी गांव के पास आकेल बी की निवासी व वर्तमान में बीजेएस में रहने वाले नीतू सिंह राठौड़ को 53 वी रैंक मिली। नीतू का इससे पहले वर्ष 2013 में जारी थर्ड ग्रेड टीचर, सैकेंड ग्रेड टीचर और फस्र्ट ग्रेड टीचर में सलेक्शन हो गया। वर्तमान में कर विभाग में जेसीटीओ नीतू का यह तीसरा प्रयास था। पिता चंद्र सिंह एयरफोर्स के बाद शिक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए। माता मंगेज कंवर गृहिणी है। नीतू कठिन परिश्रम, जूनून और लगातार प्रयास को सफलता का मूल बताती है।
एमबीएम इंजीनियरिंग के छात्र की 64 वी रैंक
एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से 2013 में बीटैक करने वाले बापिणी तहसील के कपूरिया गांव निवासी मनोज भादू ने तीसरे प्रयास में 64 वी रैंक हासिल की। मुंबई में जीएसटी विभाग में कार्यरत मनोज ने पिछले साल आईएएस का भी इंटरव्यू दिया था लेकिन बहुत कम अंतर से रह गए। मनोज ने बताया कि वह मुंबई में नौकरी के दौरान सुबह-शाम दो-दो घण्टे की पढ़ाई किया करते थे। मुख्य परीक्षा से पहले डेढ़ महीने की छुट्टी लेकर आए थे। पिता माधुराम किसान और माता मीरा देवी गृहिणी है।
तीनों लाइबे्ररी में पढऩे वाले विद्यार्थी
पूनम, नीतू और मनोज ने पावटा स्थित भारत सेवा संस्थान के स्वाध्याय केंद्र में अध्ययन किया। संस्थान प्रभारी नरपतसिंह कच्छवाह ने बताया कि 52 विद्यार्थियों ने आरएएस की तैयारी की। इसमें से 24 का चयन हुआ है। संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नरपतसिंह को बेहतरीन परिणाम के लिए दूरभाष पर शुभकामनाएं दी। ट्रस्टी जसवंत सिंह कच्छवाह ने भी बधाई दी।

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