जेल प्रशासन ने डिस्पेंसरी में एक्स-रे व सोनोग्राफी करवाई तो शरीर में स्प्रिंग होने का पता लगा। तब उसने स्वीकार किया कि शरीर में हीटर की स्प्रिंगें छुपी है। जेल में ही उसने शरीर (गुदा) में प्लास्टिक थैली में छुपाकर रखी हीटर की १९ स्प्रिंग बाहर निकाली।
पुलिस का कहना है कि कैदीरईस को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर मामले में शामिल अन्य बंदियों व स्प्रिंग लाने वाले का पता लगाया जाएगा।
गत १९ सितम्बर को बाड़मेर निवासी कैदी देवाराम भील के शरीर से ऑपरेशन करके दो थैलियों में छुपाए चार मोबाइल बाहर निकाले गए थे। जेल प्रहरी अशोक बिश्नोई व कैलाश बिश्नोई ने चारों मोबाइल कैदी तक पहुंचाए थे। एक अक्टूबर को पुलिस ने दोनों जेल प्रहरियों को गिरफ्तार किया था।
एसीपी (पूर्व) दरजाराम ने बताया कि कैदी के शरीर में स्प्रिंगें निकलने के बाद एडीसीपी भागचंद मीणा के नेतृत्व में तीन एसीपी, पांच निरीक्षक, चार एसआई व एक एएसआइ ने थानों के जाब्ते के साथ जेल की सघन तलाशी ली। जेल प्रशासन के साथ तलाशी में बंदियों के बैरिक से तीन मोबाइल, दो चार्जर, एक बैटरी व हीटर की सात और स्प्रिंग जब्त की गई। इनमें से एक मोबाइल व दो सिम भलासरिया निवासी भवानीसिंह पुत्र सांगसिंह से बरामद हुए। एेसे में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।