सबसे पहले यह समझें कि कोई भी नेगेटिव फीडबैक आपके लिए गिफ्ट होता है। यह समझने में मदद करता है कि कंपनी या मैनेजर की आपसे क्या-क्या अपेक्षाएं हैं और आपके कार्यों को कंपनी में किस तरह से देखा जा रहा है। यदि आप सही भावना से काम करेंगे तो आपको सही तरह से देखा जाएगा।
अच्छी तरह से सुनें अगर आप किसी भी बात को अच्छी तरह से सुनने की आदत विकसित कर लेते हैं तो आसानी से समझ जाते हैं कि मुद्दा क्या है और किस चीज पर फोकस करना है। नेगेटिव फीडबैक की सहायता से आप खुद में आवश्यक बदलाव कर सकते हैं और अपने कॅरियर को एक सही शेप दे सकते हैं।
विश्लेषण करें नेगेटिव फीडबैक मिलने पर असंतोष जाहिर न करें। इसका सही विश्लेषण करें और कमियों को रेखांकित करें। अपनी स्ट्रेंथ पर फोकस करें और चेक करें कि फीडबैक के मुख्य बिंदुओं में आपकी किन कमियों की बात की गई है। अपनी कमियों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास करते रहें।
टुकड़े कर लें आप खुद को मिले नेगेटिव फीडबैक को टुकड़ों में बांट लें और एक-एक हिस्से पर काम करें। आपको एक साथ कई बिंदुओं पर विचार करने से बचना चाहिए। भारतीय पेशेवरों के लिए प्रौद्योगिकी में है सबसे ज्यादा नौकरियां : लिंक्डइन
अगर आप मशीन लर्निंग इंजीनियर बनने वाले या फिर आप एप्लिकेशन डेवलपमेंट एनालिस्ट बनना चाहते हैं, तो आपको नौकरी मिलने की संभावना काफी अधिक है। क्योंकि प्रौद्योगिकी के इन क्षेत्रों से जुड़ी नौकरियां तेजी से बढ़ रही है और भारत में यह शीर्ष 10 पेशेवर क्षेत्रों में से एक है। लिंक्डइन ग्लोबल प्रोफेशनल नेटवर्क साइट ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। ‘टॉप 10 इमर्जिंग जॉब्स इन इंडिया रिपोर्ट में कहा गया, मशीन लर्निंग इंजीनियर की नौकरी में 43 गुणा की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि एप्लिकेशन डेवलपमेंट एनालिस्ट की नौकरियों में साल 2013 से 2017 के बीच 32 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है।
माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली लिंक्डइन के देश में 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। कंपनी ने कहा कि इसके अलावा, हालांकि इस सूची में प्रौद्योगिकी से जुड़ी नौकरियां शीर्ष पर हैं, लेकिन वे अब केवल प्रौद्योगिकी से जुड़ी कंपनियों में ही नहीं मिलती है, बल्कि फार्मा से लेकर बैंकिंग और रिटेल क्षेत्रों तक में प्रौद्योगिकी इंजीनियरोंं को नौकरियां मिल रही हैं।