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जींद

अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है पुराने ढर्रे का सिग्नल सिस्टम बदला

जींद जंक्शन रेलवे स्टेशन जुड़ा रूट रिले इंटरलोक सिस्टम से, इलेक्ट्रीक सिग्नल प्रणाली होने से होगी समय की बचत

जींदSep 17, 2016 / 06:20 pm

युवराज सिंह

jind railway station

route relay interlocking system

जींद। रेलवे स्टेशन जीन्द के सिंगनल सिस्टम का पुराना दौर समाप्त हो गया। पिछले कई दिनों से चले इलेक्ट्रीक सिंगनल टैस्टिंग के बाद अब इसे चालू कर दिया गया। इस प्रकार अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है पुराने ढर्रे का सिग्नल सिस्टम जिसमें मिट्टी तेल के लैम्प का प्रयोग किया जाता था, का युग खत्म हो गया और इसके स्थान पर इलेक्ट्रीक बल्बों ने लिया है। पुराने सिस्टम के अलावा नई सिस्टम से सिग्नलों की विजिबिलीटी बढ़ी है, जिसके कारण ड्राईवरों को दूर से ही सिगनल दिखाई दे जाते हैं। इलेक्ट्रीक सिगनल सिस्टम के कारण अब गाडिय़ों को स्टेशन से बाहर (आउटर पर) ज्यादा देर नहीं रूकना पड़ेगा और समय के बचत होगी।

उक्त विषय में स्टेशन अधीक्षक अनिल यादव ने जानकारी देते हुये बताया कि रेलवे में वर्षों पुराने सिगनल सिस्टम को बदला दिया गया है। इसके स्थान पर अब रूट रिले इंटर लोक सिस्टम ने ले लिया है। सहायक स्टेशन मास्टर की पुरानी मशीनरी को हटा दिया गया है और इसके स्थान पर नई बिल्डिंग में नये इलेक्ट्रीक सिस्टम पर स्थानान्तरित कर दिया गया है। इस सिस्टम से स्टेशन के दोनों तरफ के केबिनों का काम भी समाप्त हो गया। इनका काम भी अब सहायक स्टेशन मास्टर देखेंगे।

यादव ने बताया कि अब सिगनल करने में समय की बचत होगी, क्योंकि मैनुअल कांटा बदलने का काम अब समाप्त हो गया है। बटन दबाने मात्र से अब यह काम आटोमैटिक तरीके से मशीनरी करती है। इस प्रणाली के कारण सुरक्षा भी पहले की मुकाबले बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि पहले गाड़ी के सिगनल करने में समय लगता था परन्तु रूट रिले इंटर लोक सिस्टम से कुछ ही सैकेंड में सिंगल हो जाता है। इससे रेल गाड़ी समय पर प्लेटफार्म में आने और जाने में समय की बचत होगी। यादव ने कहा कि रेलवे समय पर रेलगाड़ी चले इस दिशा में कार्य रहा है और नई तकनीकों का प्रयोग कर रहा है। रेलवे यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देने के प्रति प्रयासरत है।

इलेक्ट्रिक वायर बिछाने में देरी
स्टेशन अधीक्षक अनिल यादव ने बताया कि गार्ड लाईन को रेलवे लोको कालोनी से जोडऩे वाले पुल की ऊंचाई कम होने की वजह से काम में देरी हो रही है। पुल को ऊंचा उठाने का कार्य किया जा रहा है। पहले पुल को मैनुअल तरीके से उठाया जाना था परन्तु अब इसे बड़ी के्रनों के सहारे लिफ्ट किया जाएगा, जिसके लिए ब्लॉक की आवश्यकता होगी। ब्लॉक के लिए विभाग से परमिशन मांगी गई है, जैसे ही ब्लॉक मिलेगा, पुल को ऊंचा उठाने का कार्य सम्पन्न करवाया जाएगा।

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