पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोडा ने अजय सिंह चौटाला को प्रदेश प्रधान महासचिव पद से हटाने और प्राथमिक सदस्यता से निकालने का राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला का आदेश पत्रकरवार्ता में पढकर सुनाया। अरोडा ने बताया कि यह पिछले 12 नवम्बर का आदेश है जो कि उन्होंने सुलह की संभावना से अब तक जारी नहीं किया था। इससे पहले अजय सिंह के पुत्र हिसार से लोकसभा सदस्य दुष्यंत चौटाला और छात्र संगठन इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला को पार्टी से निकाला गया था।
दुष्यंत और दिग्विजय सिंह के पार्टी से निष्कासन के बाद जेल से पेरोल पर पिछले 5 नवम्बर को बाहर आए अजय सिंह चौटाला ने निष्कासन के खिलाफ अभियान छेड दिया था। उन्होंने जिला मुख्यालयों पर पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकों को संबोधित करते हुए अभियान के समापन पर 17 नवम्बर को जींद में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी।
अशोक अरोडा ने अजय सिंह चौटाला द्वारा बुलाई गई इस बैठक को भी असंवैधानिक घोषित कर दिया। इसके साथ ही अरोडा ने ऐलान किया कि 17 नवम्बर को चंडीगढ के जाट भवन में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आहूत की जाएगी। अरोडा ने कहा कि पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई मतभेद नहीं है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी चौटाला ही मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे। इस बीच नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने आगामी एक दिसम्बर से एसवाईएल नहर निर्माण और हरियाणा की जनता के अन्य मुद्यों पर अधिकार रथयात्रा श्रुरू करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि रथयात्रा विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगी।
दुष्यंत चौटाला के निष्कासन के बाद पिता अजय सिंह चौटाला के इंडियन नेशनल लोकदल से निष्कासन के साथ ही अजय सिंह गुट के समर्थन में जाने की बात करने वाले पार्टी विधायकों को भी कहा गया कि वे अपना समर्थन लिखित में दें ताकि अयोग्य घोषित करने की कार्रवाई के लिए स्पीकर को लिखा जा सके। पत्रकारवार्ता में मौजूद पार्टी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने एक तरह से यह चेतावनी जारी की।
अशोक अरोडा से पहले अभय सिंह चौटाला ने पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अजय सिंह गुट द्वारा उन्हें जयचंद और दुर्योंधन संज्ञाएं दी गई है। मुझे दुख होता है कि ये संज्ञाएं उस बडे भाई ने दी है जिसे मैंने हमेशा राजनीतिक ताकत दी। अभय सिंह ने कहा कि अजय सिंह गुट ऐसी ताकतों के हाथों में खेल रहा है जो कि पार्टी को तोडना चाहता है। उन्होंने कहा कि मैं तो हमेशा पीछे रहकर पार्टी को ताकत देता रहा था। लेकिन जेबीटी टीचर्स भर्ती मामले में ओपी चौटाला व अजय सिंह चौटाला को दस-दस साल की सजा होने के बाद इस फैसले से राजनीति में सक्रिय हुआ कि कार्यकर्ताओं को मायूस नहीं होने देना है। मैं अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हू।
उन्होंने मीडिया पर भी फैसला छोडते हुए कहा कि यदि मीडिया इस मामले में मुझे दोषी बता देगा तो मैं बस्ता समेटकर अपने घर चला जाउंगा। मैं तो किसी को भी मुख्यमंत्री बनाने को तैयार हूं। मैंने चौधरी देवीलाल के मित्र पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर भी फैसला छोडा है। बादल साहिब जो तय करेंगे मैं मान लूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी में कई दरवाजे है जहां से घुसपैठिए आते है। मुझ पर विधानसभा में भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया गया है लेकिन मैंने तो सदन में सभी की असलियत उजागर करने का काम किया है। मीडिया मुझे बताए कि मैं कहां अपनी जिम्मेदारी सही नहीं निभा रहा?