इन्हीं 1200 में नौ छात्राएं बिरला बालिका विद्यापीठ की शामिल थी। जिसमें रिद्धम अग्रवाल ने डार्क जर्नी अहेड विषय पर कलाकृति प्रस्तुत की। जिसमें समुद्री प्रजातियों की सुंदरता को चित्रित किया गया था। जो विलुप्त होने के कगार पर है। छात्रा ने यह कलाकृति विद्यालय की कला शिक्षिका डॉ. अर्चना मिश्रा के निर्देशन में बनाई। प्रतियोगिता के तीन चरणों में पहले चरण में 66 देशों की चयनित 1200 कलाकृतियां थी।
इस शहर में चोरी हो गया 74 लाख का जीरा, जानिए पूरी वारदात
दूसरे चरण में 13 देशों की 37 प्रविष्टियों को सेमी-फाइनल के लिए चुना गया था। तीसरे चरण में इसके बाद 37 सेमी-फाइनलिस्ट प्रविष्टियों में से 13 प्रविष्टियां 6 देशों से चुनी गई थी। इनमें से रिद्धम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। खालिद बिन सुलतान लिविंग ओसेन्स फाउंडेशन शिक्षा निदेशक एमी हेमसोथ एमएससी ने बधाई देते हुए विजेता के रूप में छात्रा को फाउंडेशन की तरफ से 350 डॉलर की छात्रवृत्ति प्रदान की घोषणा की। विद्यालय की प्राचार्या डॉ. एम. कस्तूरी के अलावा बीईटी पदाधिकारियों ने रिद्धम की उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है।