खुशखबरी: 90 हजार से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती, 10 वीं से बीएड वाले युवाओं को मिलेगा मौका, मिलेगा रोजगार का बूस्टर डोज
क्या कहते हैं एक्सपर्ट….
जिले में 5 साल से सेना भर्ती रैली नहीं हुई। इस कारण युवाओं में निराशा है। यहां भर्ती नहीं होने से आसपास के सीकर, चूरू, नीमकाथाना आदि जिलों के युवाओं को भी भर्ती का मौका नहीं मिल पाया। झुंझुनूं जिले ने इतने शहीद और सैनिक दिए हैं। यहां पर भर्ती नहीं होने से युवाओं का मनोबल टूटा है। यह देश के लिए नुकसानदायक है। यहां भर्ती नहीं होने से यहां के बीआरओ आफिस में कोई काम नहीं हो रहा। ना उसका डेवलपमेंट हुआ। जिले में रोजगार का ग्राफ गिर गया। अच्छी-अच्छी कोचिंग जिसमें सेना की तैयारी होती थी। ज्यादातर कोचिंग बंद हो चुकी हैं।
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ये हो रहा है नुकसान
-जिले में रोजगार का ग्राफ गिरा। पहले रोजाना तीस से चालीस हजार युवा करते थे सेना में जाने की तैयारी। अब इसका दस फीसदी भी नहीं।
संसद में उठा था सेना भर्ती रैली का
झुंझुनूं में सेना भर्ती रैली नहीं होने का मुद्दा संसद में भी उठ चुका है। पूर्व सांसद नरेंद्र खींचड़ ने संसद में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाया था। उन्होंने यह मुद्दा 7 फरवरी 2022 को उठाया था। कई युवा संगठनों और पूर्व सैनिकों ने भी झुंझुनूं जिले में सेना भर्ती रैली करने का मुद्दा उठाया था। लेकिन समाधान कुछ नहीं निकला।
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जिले में हुई सेना भर्ती रैली में दौड़े युवा
2013- 30,500 2014- 30,000 2015- 35,000 2018- 34,000 2019- 40,000
पहले हर साल होते थे 300 से 500 युवा भर्ती
सैन्य बहुल जिले में सेना भर्ती रैली नहीं होने से युवाओं में निराशा है। जानकारों के अनुसार पहले झुंझुनूं में हर साल तीन सौ से पांच सौ युवा और सीकर में हर साल 300 से ज्यादा युवा सेना में भर्ती हो रहे थे। भर्ती नहीं होने और कोविड का दौर आ जाने की वजह से सीकर में करीब 60 हजार और झुंझुनूं में 50 हजार युवा तो ओवरएज हो चुके हैं।