दरअसल
झुंझुनूं जिले में बाघोली, पचलंगी, पापड़ा, कैरोठ सहित अन्य जगहों पर आयरन के भंडार है, लेकिन कोई लीज आवंटित नहीं है। इसके बावजूद यहां से बड़ी मात्रा में लौह अयस्क का परिवहन हो रहा है। पड़ताल में सामने आया कि स्थानीय लोगों को अच्छी आमदनी का लालच देकर उनसे अवैध खनन करवाया जाता है। वन विभाग, खातेदारी भूमि व सरकारी भूमि से लौह अयस्क का अवैध खनन करने के बाद सडक़ किनारे इसका स्टॉक किया जाता है और तस्करों से रेट तय कर लौह अयस्क को अरब सागर स्थित गुजरात के कांडला बंदरगाह तक पहुंचाया जाता है।
ऐसे पहुंचता है माल
खनन माफिया से रेट तय होने के बाद तस्कर रात को ट्रेलर, ट्रॉली भरकर चोर रास्तों से कोटपूतली, पावटा तक बिना रवन्ना के पहुंच जाते हैं। वहां पर इनकी किसी लीज धारक से सेटिंग होती है जो इन्हें ई-रवन्ना काट कर दे देता है। ई-रवन्ना मिलने के बाद यह मुख्य सडक़ मार्गों से कांडला बंदरगाह तक पहुंच जाते हैं। कोटपूतली, पावटा तक पहुंचने के दौरान उदयपुरवाटी, नीमकाथाना, पाटन, सरुंड व प्रागपुरा थाना क्षेत्र से होकर गुजरते हैं लेकिन कोई इन्हें पकड़ नहीं पाता।
पत्रिका रिपोर्टर ने ग्राहक बन किया खुलासा
पत्रिका रिपोर्टर ने एक तस्कर से ग्राहक बनकर बात की तो तस्कर ने कहा कि बिना कागजात वाला माल (अवैध) है तो आपको 17 सौ से 18 सौ रुपए टन के मिलेंगे। यदि कागजात वाला माल (वैध) है तो आपको तीन से साढ़े तीन हजार रुपए दे देंगे। उधर, पत्रिका ने गुजरात में भाव की पड़ताल की तो वहां पर अच्छी क्वालिटी वाले माल 7 हजार से 9 हजार की खरीद रेट है। लेकिन अवैध खनन के माल को तस्कर खुद का खर्चा काट कर तीन से चार हजार टन के हिसाब ही बेच देते हैं। यहां के लौह अयस्क की मांग ज्यादा
नीमकाथाना जिले में लगभग 25 किमी में उच्च गुणवत्ता वाला हेमेटाइट व मैग्नेटाइट आयरन है। यहां के पहाड़ों में 500 मिलियन टन लौह अयस्क के भंडार हैं। यहां 60 ग्रेड 100 किलो लौह अयस्क को फिल्टर करने पर लगभग 25 से 30 किलो लोहा मिलता है। वहीं 64 ग्रेड 100 किलो लौह अयस्क को फिल्टर करने पर लगभग 70 से 75 किलो लोहा मिलता है।
जिम्मेदारों का ये कहना है…
खनिज विभाग वृत जयपुर के अधीक्षण अभियंता नरेंद्र सिंह शक्तावत का कहना है कि लौह अयस्क व अन्य मिनरल्स के अवैध खनन की रोक के लिए संबंधित खनिज विभाग के विजिलेंस व खनिज अधिकारियों को सूचना देकर मामले की जांच करवाई जाएगी व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जयपुर के मुख्य वन संरक्षक राजीव चतुर्वेदी ने कहा कि वन भूमि पर अवैध खनन की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए डीसीएफ को निर्देश दिए गए हैं।