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झुंझुनू

जानें वर्ष 2024 में कब से है श्राद्ध , किस तारीख को कौनसा श्राद्ध

ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष की अवधि में पूर्वजों का श्राद्ध कर्म किया जाता है। ऐसा करने से वंश पर उनकी कृपा बनी रहती है।

झुंझुनूSep 11, 2024 / 11:35 pm

Rajesh

ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष की अवधि में पूर्वजों का श्राद्ध कर्म किया जाता है। ऐसा करने से वंश पर उनकी कृपा बनी रहती है।

अपने पूर्वजों के पूजन का विशेष पखवाड़ाश्राद्ध पक्ष 17 सितम्बर 2024 भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होगा। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की याद में श्राद्ध कर्म कर पिंडदान व दान पुण्य करेंगे। हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से लेकर अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृपक्ष होता है। इस साल 17 सितम्बर 2024 से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है, जिसका समापन 2 अक्टूबर 2024 को होगा। ये अवधि पितरों की पूजा को समर्पित है।

पिंडदान

पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि इस दौरान पूर्वजों की आत्म शांति के लिए पिंडदान व श्राद्ध कर भोजन आदि करवाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष की अवधि में पूर्वजों का श्राद्ध कर्म किया जाता है। ऐसा करने से वंश पर उनकी कृपा बनी रहती है। मिश्रा ने बताया कि पंचांग के अनुसार इस वर्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी, जो 18 सितंबर को सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर समाप्त हो रही है। इस दौरान धृति योग और शतभिषा नक्षत्र बन रहा है। श्राद्ध पक्ष का समापन आश्विन कृष्ण अमावस्या 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या बुधवार को होगा।

श्राद्ध पक्ष 2024की तिथियां

पूर्णिमा का श्राद्धः 17 सितम्बर को प्रातः 11 बजकर 43 मिनट बाद।

प्रतिपदा का श्राद्धः 18 सितम्बर

द्वितीया का श्राद्धः 19 सितम्बर

तीज का श्राद्धः 20 सितम्बर
चौथ का श्राद्धः 21 सितम्बर

पंचमी का श्राद्धः 22 सितम्बर

छठ का श्राद्धः 23 सितम्बर

सप्तमी का श्राद्धः 24 सितम्बर

अष्टमी का श्राद्धः 25 सितम्बर

नवमी का श्राद्धः 26 सितम्बर
दशमी का श्राद्धः 27 सितम्बर

एकादशी का श्राद्धः 28 सितम्बर

बारस का श्राद्धः 29 सितम्बर

तेरस का श्राद्धः 30 सितम्बर

चौदस का श्राद्धः 1 अक्टूबर

अमावस्या का श्राद्धः 2 अक्टूबर

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