प्रशासन की ओर से मलसीसर एवं आसपास के क्षेत्र से पानी निकालने के लिए लाख प्रयास किए जा रहे हे लेकिन वहां पर अभी भी चार से पांच फीट तक पानी भरा हुआ। लोगों को पानी भरे होने से काफी कठिनाई हो रही है। वहीं कई मकानों से पानी नहीं निकल पाने से लोगों को इधर-उधर आश्रय लेना पड़ रहा है।
तहसील, उपखण्ड कार्यालय, पटवार कार्यालय एवं पुलिस थाने में पानी भरने के कारण वहां भी स्थिति गंभीर हो गई। सभी सरकारी कार्यालयों में रखा रिकॉर्ड भी पानी में खराब हो गया है।
मलसीसर प्रोजेकट में करोड़ों का नुकसान हुआ हे। केवन बिल्डिंग बची है मशीनरी पूरी तरह से नष्ट हो गया है। इस हिसाब से प्रोजेक्ट में करीब 50 से 60 प्रशिशत नुकसान होने की संभावना बताई जा रही है। वहीं जिला कलक्टर स्वयं प्रोजेकट में 50 करोड़ का नुकसान मान रहे है।
जहां एक ओर सरकार की ओर से शनिवार रात को पहुंचे पीएचईडी के प्रमुख शासन सचिव रजत कुमार मिश्रा ने रात को ही इस मामले में तीन सदस्य उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई गई। दो एक्सईएन को निलम्बित कर दिया गया है। वहीं बिट्स पीलानी से भी एक विशेष टीम जांच के लिए देर शाम को मौके पर पहुंची है।