नागौर : बीकानेर फाटक पर सात साल से बन रहे ओवरब्रिज का निर्माण सरकारी सुस्ती के चलते अब तक पूरा नहीं हुआ है।
बारां : कोटा रूठियाई सेक्शन में 22 रेलवे फाटक हैं। इसमें से तीन फाटक पर ही अंडरपास का निर्माण कार्य प्रस्तावित है, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। झालावाड़ रोड तेल फैक्ट्री गेट 38 पर 2018-19 से आरओबी का निर्माण कार्य चल रहा है। फाटक के दोनों ओर ब्रिज निर्माण का कार्य अटका हुआ है।
अलवर : अलवर सेक्शन में 25 रेलवे फाटक हैं। इन सभी ओवरब्रिज और अंडरपास का निर्माण होना है, लेकिन अभी किसी पर नहीं हुआ है।
झुंझुनूं : सीकर रोड रेलवे फाटक पर रेलवे ओवरब्रिज का काम अधूरा है। सदर थाने के पास रेलवे फाटक पर 850 मीटर लम्बे इस ओवरब्रिज के लिए 2016 में 36.12 करोड़ मंजूर किए गए थे। आरएसआरडीसी ने इस पुल की डीपीआर बनाकर तीन वर्ष बाद वर्ष 2019 में इसका कार्य शुरू किया। कार्य को 18 माह में पूरा करना था। पांच वर्ष बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों है।
अजमेर : अजमेर में पिछले पांच साल से तीन आरओबी का निर्माण कार्य चल रहा है। पिलर खड़े कर दिए गए, उसके बाद काम लटका दिया। यहां गुलाबबाड़ी, सुभाष नगर और सरस डेयरी के पास ओवरब्रिज व अंडरपास का निर्माण होना है।
बीकानेर : बीकानेर में सात साल से लालगढ़ ओवरब्रिज का काम अटका पड़ा है। शहर में मुख्य कोटगेट और सांखला फाटक की समस्या पिछले तीस साल से चली आ रही है। यहां फाटक बंद होने पर शहर दो हिस्सों में बंट जाता है।
राजधानी जयपुर में यह हाल
टोंक फाटक, इमली फाटक, जगतपुरा फाटक, रामपुरा रोड फाटक, नाडी का फाटक, दादी का फाटक और कनकपुरा फाटक पर सुबह-शाम वाहनों का जाम लगा रहता है। दादी का फाटक, नाड़ी का फाटक पर आरयूबी की स्वीकृति मिल चुकी है। डिग्गी मालपुरा अंडरब्रिज का भी शिलान्यास किया जा चुका, लेकिन अब इनके निर्माण कार्य में देरी के कई कारण बताए जा रहे हैं।