scriptराजस्थान में यहां सरकारी स्कूलों के बुरे हाल : भवन है, शिक्षक है…पढ़ने के लिए बच्चे नहीं | Bad condition of government schools in RajasthanThere are buildings, there are teachers...no children to study | Patrika News
झुंझुनू

राजस्थान में यहां सरकारी स्कूलों के बुरे हाल : भवन है, शिक्षक है…पढ़ने के लिए बच्चे नहीं

Rajasthan News : सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए भले ही अभियान चलाया जा रहा हो लेकिन बच्चों की संख्या बढ़ना तो दूर जो बच्चे पहले से पढ़ रहे थे, उन्हें भी रोक पाना मुश्किल हो रहा है। कई सरकारी स्कूल तो ऐसे हैं जहां शिक्षकों की संख्या विद्यार्थियों से ज्यादा है।

झुंझुनूJun 15, 2024 / 11:01 am

Omprakash Dhaka

jhunjhunu
Jhunjhunu News : सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए भले ही अभियान चलाया जा रहा हो लेकिन बच्चों की संख्या बढ़ना तो दूर जो बच्चे पहले से पढ़ रहे थे, उन्हें भी रोक पाना मुश्किल हो रहा है। कई सरकारी स्कूल तो ऐसे हैं जहां शिक्षकों की संख्या विद्यार्थियों से ज्यादा है। ऐसे में जाहिर है कि सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाए जाने के लिए कोई खास प्रयास स्थानीय स्तर पर नहीं किए गए। हकीकत यह है कि प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं जिनमें नामांकन शून्य, पांच, दस व 50 से भी कम हैं। माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा विभाग के ढाई सौ के करीब ऐसे स्कूल हैं जहां पर नामांकन शून्य, पांच, दस व पचास से कम है। इसका खुलासा हाल ही में हुई जिला निष्पादन समिति की बैठक में हुआ।

21 विद्यालयों में नामांकन शून्य

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत ऐसे विद्यालय भी हैं जहां पर एक भी विद्यार्थी का नामांकन नहीं है। 21 ऐसे स्कूल चिह्नित किए गए हैं जहां पर स्कूलों में बच्चे नहीं हैं, जबकि शिक्षक मोटी तनख़ाह उठा रहे हैं।

सरकारी स्कूलों में ये सब कुछ बंद

-स्कूलों में कंप्यूटर लैब बंद पड़ी हैं

-पोषाहार की नियमित जांच नहीं हो रही

-शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं

-हर महीने विद्यार्थियों का मूल्याकन नहीं हो रहा
-माध्यमिक कक्षाओं के छात्रों के लिए साप्ताहिक टेस्ट नहीं लिए जा रहे

-होमवर्क की नियमित जांच नहीं हो रही

-अभिभावकों से समय-समय पर विद्यार्थियों की पढ़ाई को लेकर चर्चा नहीं

ब्लॉक वाइज स्थिति जहां नामांकन पांच व दस या इससे कम

अलसीसर में 18
बुहाना में 17

चिड़ावा में 18

झुंझुनूं में 17

खेतड़ी में 28

मंडावा में 14

नवलगढ़ में 27

पिलानी में 18

सिंघाना में 17

सूरजगढ़ में 21
उदयपुरवाटी में 34

(आंकड़े निष्पादन कमेटी में उठे मुददे के अनुसार )

शून्य नामांकन वाले विद्यालय

राजकीय प्राथमिक विद्यालय धनावता, अमरपुरा खुर्द, बहरियावाली ढढाणी, अंबेडकर मोहल्ला सोटवारा, भालेखान की ढाणी, ढाका की ढाणी, ढाणी खेरली, ढेंवा की जोहड़ी पोषाणा, गोरधनपुरा, करावाली छावश्री, खीमाना जोहड़, कौशलपुरा, महरपुर, मीणा की ढाणी बजावा, सांवलवाला जोहड़, टीकपुरा, वार्ड नंबर 13 पिलानी, वार्ड नंबर चार सूरजगढ़, महलों की ढाणी, उदयपुरवाटी गणेशपुरा, खेतडी व राजकीय बालिका प्राथमिक स्कूल पन्ना की ढाण, उदयपुरवाटी स्कूलों में एक भी बच्चे का नामांकन नहीं है।

अब संस्था प्रधानों को टिकाए नोटिस

नामांकन कम वाले स्कूलों के संस्था प्रधानों को नामांकन कम होने पर नोटिस दिए गए हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से 117 विद्यालयों को कम नामांकन होने पर नोटिस दिए गए हैं।

माध्यमिक: सैकड़ों स्कूल जहां नामांकन पचास ही नहीं

प्रारंभिक शिक्षा के अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित स्कूलों का भी यही हाल है। विभाग के अंतर्गत संचालित सैकड़ों ऐसे स्कूल हैं जिनमें नामांकन 50 या इससे कम है। कई विद्यालय तो ऐसे हैं जहां पर महज सात से दस विद्यार्थी हैं जबकि इनमें शिक्षकों की संया विद्यार्थियों से ज्यादा है।

इनका कहना है…

पांच, दस या इससे कम नामांकन वाले स्कूलों के संस्था प्रधानों को नोटिस जारी किए गए हैं। पीईईओ व सीबीईओ से नामांकन कम होने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
– मनोज कुमार ढाका, डीईओ (प्रांरभिक), झुंझुनूं

प्रारंभिक के 117 स्कूल जहां पर पांच से कम नामांकन

सामने आया है जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाले 117 स्कूल हैं जहां पर नामांकन पांच या इससे कम है। इन संस्थाओं के प्रधान नामांकन बढ़ाने पर बिल्कुल भी प्रयासरत नहीं लग रहे हैं।

Hindi News / Jhunjhunu / राजस्थान में यहां सरकारी स्कूलों के बुरे हाल : भवन है, शिक्षक है…पढ़ने के लिए बच्चे नहीं

ट्रेंडिंग वीडियो