रेलवे बोर्ड ने जारी किए दिशा-निर्देश
इस संबंध में रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर (स्थापना) एम के मीना ने पत्र भेज कर देश के सभी जोन के जीएम व प्रोडक्शन यूनिट के हेड को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि इस पर तुरंत कार्रवाई शुरू करें, ताकि म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए वर्षों से लंबित फाइलों को आगे बढ़ाया जा सके। गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड के नये चेयरमैन अश्विनी लोहानी के आने के बाद से ही सुस्त गति से चल रही रेलवे की व्यवस्था में अचानक तेजी आ गयी है। हाल ही में उन्होंने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही परंपरा को समाप्त करते हुए अधिकारियों के बंगले पर काम करने वाले गैंगमैन को हटाने का आदेश जारी किया था।
पांच अक्तूबर तक मांगी गयी है रिपोर्ट
रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर ने 30 सितंबर तक लंबित मामलों को निपटाने का निर्देश दिया है। इसके बाद रिपोर्ट रेलवे बोर्ड में भेजने को कहा गया है। अंतिम रिपोर्ट पांच अक्तूबर तक रेलवे बोर्ड, नयी दिल्ली भेजने का निर्देश जारी किया गया है ताकि इस पर पॉलिसी बनाकर काम शुरू कर दिया जा सके।
क्या है म्यूचुअल ट्रांसफर
म्यूचुअल ट्रांसफर दो कर्मचारियों की आपसी सहमति से होता है। कर्मचारी जोन बदलने के लिए आवेदन देते हैं। इस पर अमल करते हुए कर्मियों का तबादला किया जाता है। रेलवे में सैकड़ों ऐसे मामले हैं, जो वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़े हैं। एनसीआरईएस के नेता सी के चतुर्वेदी ने कहा कि रेलवे बोर्ड के इस फैसले का संघ स्वागत करता है।