8 साल पहले हुई थी तैनाती झांसी में सिंचाई विभाग के दो मुख्य अभियन्ता बैठते हैं। लगभग 8 वर्ष पहले शासन ने झांसी में मुख्य अभियन्ता लेवल-वन की तैनाती कर दी। इसके बाद से ही उनके आवास को लेकर विवाद चल रहा है। मुख्य अभियन्ता लेवल-वन के पद पर पहले तक त्रिलोक चन्द्र शर्मा की तैनाती थी तो उन्हें कोठी आवंटित की गई थी। लगभग एक साल पहले गोपाल सिंह को मुख्य अभियन्ता लेवल- वन का चार्ज मिल गया। उन्होंने चार्ज संभालने के कुछ दिन बाद कोठी में ठहरने की इच्छा जताई, लेकिन तब तक यहां की हालत पस्त हो चुकी थी। इसके बाद बात आई-गई हो गई। अब एक बार फिर मुख्य अभियन्ता लेवल-वन झांसी आए तो उनकी कोटी को लेकर चर्चा शुरू हो गई। पर, अब मामला इस कोठी के चार्ज को लेकर उलझ गया है।
पता ही नहीं कि इसका चार्ज किसके पास है सिंचाई निर्माण खण्ड पंचम का कहना है कि साहब की कोठी का चार्ज सपरार प्रखण्ड के पास है। इस विभाग के कर्मचारी ही साहब की कोठी की देखरेख में लगे हैं, जबकि सपरार प्रखण्ड का दावा है कि अब तक लिखित में कोई चार्ज नहीं हुआ है और न ही उनके विभाग के कर्मचारी कोठी में काम कर रहे हैं। ऐसे में यह तय करना मुश्किल हो गया है कि साहब की कोठी की देखरेख कौन-सा विभाग कर रहा है। इससे कोठी की हालत बेहद खराब हो गई है। गुरुवार को मुख्य अभियन्ता लेवल वन झांसी आए तो उन्हें सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में ठहराना पड़ गया।
कोठी की बिजली कटी, छाया अंधेरा मुख्य अभियन्ता लेवल वन के लिए आवंटित कोठी के बिजली बिल का संकट बढ़ने पर सिंचाई विभाग ने इसका कनेक्शन कटवा दिया। बताया गया कि पिछले साहब ने अपने नाम से प्रीपेड मीटर लगवा लिया, लेकिन जब वह गए तो कनेक्शन कटवा गए, तब से कोठी में बिजली नहीं है और अंधेरा पसरा रहता है।
मुख्य अभियन्ता बेतवा को शिफ्ट होने से पहले रोका मुख्य अभियन्ता लेवल-वन के लिए आवंटित कोठी में जब साहब नहीं आए तो मुख्य अभियन्ता बेतवा महेश्वरी प्रसाद ने इसमें शिफ्ट होने की तैयारी कर ली थी। रंगाई-पुताई भी शुरू हो गई थी, लेकिन तभी लेवल-वन का सन्देश आ गया कि वह झांसी में ही रुकेंगे, जिसके बाद आनन-फानन में कोटी को खाली करा लिया गया, लेकिन इसके बाद से यह कोठी खाली पड़ी है।
विभागों ने भी समेट लिया था सामान, साहब की नाराजगी पर वापस लौटाया मुख्य अभियन्ता लेवल-वन की कोठी के लिए सिंचाई विभाग के कई खंडों ने सामान उपलब्ध कराया था। किसी ने पलंग बिछाया था तो किसी ने टेबिल-कुर्सी और टीवी आदि रखवाई थी। पिछले मुख्य अभियन्ता लेवल-वन के जाते ही विभागों ने अपना-अपना सामान समेट लिया, लेकिन इसकी खबर मुख्य अभियन्ता लेवल- वन गोपाल सिंह को लगी तो उन्होंने फटकार लगाई, जिसके बाद कोठी में सामान वापस रखवा दिया गया।
वहीं, अजय भारती, अधिशासी अभियन्ता, सपरार प्रखण्ड का कहना है कि मुख्य अभियन्ता लेविल-वन की कोठी का चार्ज देने के लिए सिंचाई निर्माण खण्ड पंचम द्वारा पत्राचार किया गया था, लेकिन चार्ज की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। कोठी की देखरेख में उनके विभाग के कर्मचारी भी नहीं लगे हैं।