1. पशुधन सहायकों को पशुपालन के रख-रखाव का तरीका आदि बताया जाएगा। उन्नत तरीके से दूध का उत्पादन बढ़ाने के नुस्खे भी बताए जाएंगे।२०२२ तक किसानों की आय दुगनी करने के लक्ष्य से काम किया जाएगा। इसमें बकरी पालन, भैंसपालन, मुर्गीपालन सहित कई प्रकार का प्रशिक्षण युवाओं को दिया जाएगा।
2. जिस क्षेत्र में पशुओं में बीमारी फैल रही है। उस क्षेत्र में क्या परेशानी है, बीमारी के कारणों का पता लगाकर उसका समाधान किया जाएगा। साथ ही मिट्टी की जांच भी की जाएगी। पशुओं को बैलेंस डाइट देने का तरीका भी बताया जाएगा। इसमें दूधारू पशु के रख-रखाव का तरीका भी बताया जाएगा।
3. केन्द्र में लैब की स्थापना होगी,इससे सामान्य बीमारियों का पता यहीं लगाया जा सकेगा।लैब में प्रशिक्षित स्टाफ होगा जो मौसमी बामारियों पर रिसर्च करेगा साथ ही गंभीर किस्म की बीमारियों के सैंपल लेकर विवि के ‘अपेक्स’ सेंटर पर पहुंचाएगा। वहां जांच होकर बीमारी का पता लगाया जाएगा।
डॉ.अवधेश प्रताप सिंह, निदेशक प्रसार, शिक्षा, राजस्थान पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर
पशुपालन विभाग ने राजस्थान पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के वीयूटीआरसी सेंटर के लिए जमीन के लिए एप्लीकेशन लगाई है। झालरापाटन के पास करीब 5-7 बीघा जमीन दी जाएगी।
डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, जिला कलक्टर झालावाड़