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झालावाड़

अब ‘घर’ में मिलेगा उन्नत तरीके से पशुपालन व नस्ल सुधार का प्रशिक्षण

50 लाख की लागत पाँचसे होगी वीयूटीआरसी सेंटर की स्थापना, रिसर्च की मिलेगी सुविधा, तुरंत होगा पशुओं का इलाज,बीमारियों का पता लगाकर अब जिले में ही समाधान

झालावाड़Dec 27, 2017 / 04:40 pm

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अब ‘घर’ में मिलेगा उन्नत तरीके से पशुपालन व नस्ल सुधार का प्रशिक्षण

झालावाड़./ हरिसिंह गुर्जर@ जिले के पशुपालकों के लिए खुशखबरी है। अब पशुओं में होने वाली बीमारियों का पता लगाकर अब जिले में ही समाधान निकाला जा सकेगा। वहीं उन्नत तरीके से पशुपालन व नस्ल सुधार का प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा। इसके लिए राजस्थान पशुचिकित्सा और पशुविज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा जिले में विश्वविद्यालय का प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र (वीयूटीआरसी) की पाँच बीघा भूमि में स्थापना की जाएगी। सब कुछ सही रहा तो आगे बजट मिलने पर यहां केन्द्र के द्वारा पशुपालन करके प्रेक्टिकल करके दिखाया जाएगा।
उन्नत पशुपालन के तरीकों की जानकारी मुहैया हो –

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केन्द्र की स्थापना होने के बाद जिले के किसानों को उन्नत पशुपालन के तरीकों की जानकारी मुहैया हो सकेंगी। जिले में केन्द्र की स्थापना करीब ५ बीघा भूमि में की जाएगी। इसके लिए भूमि का चयन कर बीकानेर विवि को आंवटित की जाएगी। इसके बाद विवि द्वारा ढांचागत निर्माण कार्य करीब ५० लाख रूपए होगी। केन्द्र के लिए जमीन झालरापाटन के आस-पास देखी जा रही है।
पशुपालक विशेषज्ञों का कहना है कि केन्द्र में राज्य में स्वदेशी गौवंश का उन्नत जर्मप्लाजा तैयार किया जाकर प्रगतिशील पशुपालकों, गौशालाओं, गौसेवकों संघो-संस्थाओं को उपलब्ध करवाया जाएगा। वर्तमान में देशी गौवंश विलुप्त प्राय है, इससे भी देशी गौवंश की उपयोगिता और प्रचलन को बढ़ावा मिलेगा।
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तीन तरह के काम होंगे
1. पशुधन सहायकों को पशुपालन के रख-रखाव का तरीका आदि बताया जाएगा। उन्नत तरीके से दूध का उत्पादन बढ़ाने के नुस्खे भी बताए जाएंगे।२०२२ तक किसानों की आय दुगनी करने के लक्ष्य से काम किया जाएगा। इसमें बकरी पालन, भैंसपालन, मुर्गीपालन सहित कई प्रकार का प्रशिक्षण युवाओं को दिया जाएगा।
2. जिस क्षेत्र में पशुओं में बीमारी फैल रही है। उस क्षेत्र में क्या परेशानी है, बीमारी के कारणों का पता लगाकर उसका समाधान किया जाएगा। साथ ही मिट्टी की जांच भी की जाएगी। पशुओं को बैलेंस डाइट देने का तरीका भी बताया जाएगा। इसमें दूधारू पशु के रख-रखाव का तरीका भी बताया जाएगा।
3. केन्द्र में लैब की स्थापना होगी,इससे सामान्य बीमारियों का पता यहीं लगाया जा सकेगा।लैब में प्रशिक्षित स्टाफ होगा जो मौसमी बामारियों पर रिसर्च करेगा साथ ही गंभीर किस्म की बीमारियों के सैंपल लेकर विवि के ‘अपेक्स’ सेंटर पर पहुंचाएगा। वहां जांच होकर बीमारी का पता लगाया जाएगा।
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जिले में बीकानेर विवि का वीयूटीआरसी सेंटर खोला जाएगा। पशुपालकों को उन्नत तकनीक का ज्ञान मिल सकेगा।
डॉ.अवधेश प्रताप सिंह, निदेशक प्रसार, शिक्षा, राजस्थान पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर
पशुपालन विभाग ने राजस्थान पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के वीयूटीआरसी सेंटर के लिए जमीन के लिए एप्लीकेशन लगाई है। झालरापाटन के पास करीब 5-7 बीघा जमीन दी जाएगी।
डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, जिला कलक्टर झालावाड़

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