scriptजिले में राशन डीलर के कमीशन का 2 करोड़ से अधिक बकाया | -घर चलाना मुश्किल, कैसे पाले परिवार | Patrika News
झालावाड़

जिले में राशन डीलर के कमीशन का 2 करोड़ से अधिक बकाया

-हर माह 15 हजार रुपए देने के वादे से हाथ खींच रही सरकार -अब राशन डीलर नहीं करना चाहते सरकार का काम झालावाड़.जिले के राशन डीलरों के अब सिर्फ गेहूं के कमीशन के भरोसे परिवार नहीं पल पा रहे हैं। प्रत्येक राशन डीलर को हर माह पन्द्रह हजार रुपए देने के वादे से भी सरकार […]

झालावाड़Oct 18, 2024 / 11:12 am

harisingh gurjar

-हर माह 15 हजार रुपए देने के वादे से हाथ खींच रही सरकार

-अब राशन डीलर नहीं करना चाहते सरकार का काम

झालावाड़.जिले के राशन डीलरों के अब सिर्फ गेहूं के कमीशन के भरोसे परिवार नहीं पल पा रहे हैं। प्रत्येक राशन डीलर को हर माह पन्द्रह हजार रुपए देने के वादे से भी सरकार ने हाथ खींच लिए है। हालत यह है कि जून के बाद राशन डीलरों को गेहूं का कमीशन भी नहीं मिला। दो करोड़ से ज्यादा का कमीशन बकाया है। वहीं प्रदेशभर की बात करें तो ये राशि 30 करोड़ से अधिक पहुंच रही है। गेहूं कमीशन के भरोसे अब राशन डीलरों की पार नहीं पड़ रही। लंबे समय से इनको अतिरिक्त व्यवस्था, संसाधन के जरिए कमाई बढ़ाने की बात चलती रही है। लेकिन, यह सिर्फ बातों तक ही सीमित रह गई। जो मामूली कमीशन मिलता है। वह भी समय पर नहीं मिलता। जून के बाद राशन डीलरों को कमीशन नहीं मिला है। करीब 2 करोड़ 40 लाख रूपए का कमीशन बकाया है। पिछले करीब पांच साल में कई डीलर काम छोड़ चुके हैं।
अगस्त में इस मुद्दे पर राशन डीलरों का लंबा आंदोलन चला। राशन डीलरों ने धरना-प्रदर्शन कर कई दिन तक उपभोक्ताओं को गेहूं तक नहीं दिया। उच्च स्तरीय बातचीत के बाद सरकारी आश्वासन तो मिला पर वह लागू अब तक नहीं हो पाया। राशन डीलरों की मांगों को लेकर हाई लेवल समिति का गठन किया गया था। समिति को एक माह में राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपनी थी। जिसकी पहली बैठक 21 अगस्त को खाद्य विभाग में अतिरिक्त खाद्य आयुक्त के नेतृत्व में हुई थी पर अब तक कोई नतीजा सामने नहीं आया। राशन डीलर संघ के साथ उच्च स्तरीय बैठक में गेहूं पर एक प्रतिशत छीजत देने, दस रुपए पोस मशीन कटौती बंद करने, पंद्रह हजार रुपए राशन डीलरों को प्रतिमाह देने का वादा किया गया था। सरकार नेे सिर्फ जून माह का बकाया कमीशन देकर सभी वादों से फिलहाल हाथ खींच लिया लगता है।
झालावाड़ जिले में गेहूं का गणित –

झालावाड़़ जिले में करीब 2 लाख 78 हजार परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत चयनित हैं। इन परिवारों में सदस्यों की संख्या 10 लाख 66 हजार है। इनके लिए प्रति माह सरकार करीब 52 एमटी गेहूं का आवंटन राशन डीलरों को करती है। प्रत्येक सदस्य को हर माह पांच किलो गेहूं दिया जाता है। जिलेभर में करीब 613 राशन डीलर हैं और इतनी ही दुकानें हैं। यह सब डीलर सिर्फ गेहूं के कमीशन से ही परिवार का पेट पालने का असफल प्रयास कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल-

– जिले में कुल राशन दुकानें- 613

– जिले में कुल परिवार 2 लाख 78 हजार

– जिले में खाद्य सुरक्षा लाभार्थी सदस्य -10 लाख से अधिक

– जिले में राशन डीलरों का कमीशन जो बकाया – 2 करोड़ 40 लाख
इतना मिलता है कमीशन-

राशन डीलर को एक क्विंटल गेहूं पर करीब सवा सौ रुपए कमीशन मिलता है। दस से बारह हजार रुपए कमीशन में दुकान का किराया, तोल में फर्क व छीजत, पोस मशीन का चार्ज, मजदूर का भुगतान भी शामिल है। ऐसे में राशन डीलरों को घर चलाना इन दिनों मुश्किल हो रहा है।
अतिरिक्त कमाई का झांसा-

सूत्रों की माने तो पिछले दिनों फिर सरकारी स्तर पर राशन डीलरों को अतिरिक्त कमाई का झांसा दिया गया। सरकारी स्तर पर रसद विभाग के अधिकारियों से कई बार ऐसे प्रस्ताव मांगे कि राशन की दुकानों की अतिरिक्त आय कैसे हो। प्रस्ताव भेजने के बाद भी कुछ नहीं हो पाया। पांच किलो तक का सिलेण्डर, पशु आहार,दाल,ई-मित्र जैसी व्यवस्था कर राशन डीलरों की अतिरिक्त कमाई कराने की बात कही गई। घर के राशन का जरूरी सामान, राशन डीलरों को बैंक, फाइनेंस के पार्ट टाइम काम जैसे बहुत से प्रस्ताव बने और कागजी कार्रवाई तक भी पहुंचे पर बाद में इस बारे में चर्चा तक नहीं हुई।
राशन डीलर्स की बड़ी मांग मानदेय-

राशन डीलरों का अब एक ही लक्ष्य है मानदेय का। अगस्त में हुए विरोध के चलते तीस हजार रुपए माह मानदेय देने की बात हुई थी। जिसे बातचीत के बाद पंद्रह हजार तय कर दिया गया। इसके अलावा दाल, पशु आहार, चाय पत्ती सहित अन्य सामग्री के बेचान पर भी चर्चा तो हुई पर निर्णय नहीं हुआ। बातचीत में राशन डीलरों ने स्वीकारा कि इस बारे में सरकार तक कई बार मांग उठा चुके हैं। हालात यह कि गेहूं का कमीशन नहीं बढ़ाया जा रहा। पोस मशीन खरीद के नाम पर हर राशन डीलर से प्रति क्विंटल गेहूं के कमीशन में से दस रुपए सरकारी कोष में जमा हो रहे हैं।
15 हजार रुपए देने का वादा किया था-

सरकार ने राशन डीलरों को हर माह 15 हजार रुपए देने का वादा किया था, वो देना तो दूर, जो कमीशन बन रहा है वो भी समय पर नहीं मिल रहा है। पिछली बार भी दीपावली बिना कमीशन के मनाई थी। इस बार भी समय से कमीशन नहीं मिला वो वैसी ही स्थिति बन रही है। भंवरसिंह,जिलाध्यक्ष राशन डीलर संघ, झालावाड़।
जून तक का कमीशन दिया –

जिले में राशन डीलरों को जून तक का गेहूं का कमीशन दिया जा चुका है। इसके बाद का बकाया है। जैसे ही बजट आएगा, डीलरों को कमीशन दे दिया जाएगा। अतिरिक्त आय से जोडऩे के लिए ई-मित्र आदि के लिए नाम मांगे थे। सूची तैयार कर ली है। जल्द ही भिजवाई जाएगी।
विनोद कुमार, प्रवर्तन निरीक्षक, रसद विभाग, झालावाड़।

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