झालावाड़ के पॉलिटेक्निक कॉलेज में सुबह 8 बजे मतगणना शुरू होने के साथ ही बीजेपी ने बढ़त बना ली थी, जो अंतिम राउंड तक बनी रही। इसके साथ ही बीजेपी के दुष्यंत सिंह ने 3 लाख 70 हजार 989 से जीत हासिल की। दुष्यंत को 8 लाख 28 हजार 897 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन भाया 4 लाख 74 हजार 942 वोटों पर ही सिमट गई। झालावाड़ सीट से दुष्यंत सिंह के लगातार 5वीं बार जीतने पर कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया और मिठाई खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया।
1989 से अब तक लगातार जीत रही बीजेपी (Jhalawar-Baran Lok Sabha Constituency)
बता दें कि राजस्थान में बीजेपी के लिए
झालावाड़-बारां लोकसभा सीट सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। इस सीट से बीजेपी साल 1989 से अब तक लगातार जीतती आ रही है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह पर पिछले 35 सालों से झालावाड़ संसदीय क्षेत्र की जनता का विश्वास करती आ रही हैं और इस बार यहां की जनता ने दुष्यंत सिंह पर विश्वास जताया है।
Jhalawar-Baran Lok Sabha Constituency : दुष्यंत सिंह ने की मां की बराबरी
आजादी के बाद से अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में सर्वाधिक 9 बार झालावाड़-बारां क्षेत्र का प्रतिनिधित्व वसुंधरा राजे और बेटे दुष्यंत सिंह ने किया हैं। वसुंधरा राजे साल 1989 में यहां से पहली बार सांसद बनी थी। इसके बाद साल 1991, 1996, 1998 और 1999 में लगातार वसुंधरा राजे ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की। साल 2004 में बीजेपी ने पहली बार यहां से वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को टिकट दिया। तब से वो लगातार यहां से जीतते आ रहे हैं। दुष्यंत सिंह ने साल 2009, 2014, 2019 और अब 2024 का चुनाव जीतकर परचम लहराया है। इसके साथ ही दुष्यंत सिंह ने लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज कर अपनी मां के रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली है।
तीसरी बार भी जैन फैमिली को मिली हार
बता दें कि झालावाड़-बारां क्षेत्र में तीसरी बार जैन और राजे परिवार आमने-सामने रहे। लेकिन, इस बार भी कांग्रेस के लिए जीत की आस अधूरी रह गई। साल 2024 से पहले 2009 में उर्मिला जैन भाया और 2014 में उनके पति प्रमोद जैन चुनावी रण में उतरे थे। दोनों बार ही बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन, इस बार भी उर्मिला जैन भाया को भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा।