लहसुन के भाव इस बार उच्चतम स्तर पर होने के कारण देश के कई शहरों में बिहार के महाराजगंज, नेपाल व अफगानिस्तान के रास्ते चीन के लहसुन की भारी मात्रा मात्रा में आवक हो रही है। व्यापारियों का कहना है कि चीन का लहसुन पहले अफगानिस्तान आ रहा है, वहां से कन्टेनरों के माध्यम से हमारे देश व प्रदेश में पहुंच रहा है।
चीन से सीधे लहसुन के आयात पर रोक होने तथा भारत-अफगानिस्तान के बीच व्यापार कर मुक्त होने का फायदा उठाया जा रहा है। पहले चीन से अफगानिस्तान लहसुन मंगवाया जा रहा है। वहां से कन्टेनरों से भारत भिजवाया जा रहा है।
जानकारों के अनुसार देश में अब तक 2 हजार कन्टेनर चीन के लहसुन की आवक हो चुकी है। ऐसे में एक माह में ही भारतीय लहसुन के दाम 10 से 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक गिर चुके है। भावों के गिरने के डर से किसान अपने पास रखा लहसुन आनन फानन में मण्डियों में लाकर बेच रहे है, लेकिन यहां भी भाव नहीं मिलने से किसानों में निराशा है।
36 हजार रुपए तक बिका इस साल लहसुन
तेजी के चलते पिछले माह लहसुन अधिकतम 36 हजार रूपए क्विंटल तक बिका था। लेकिन वर्तमान में 20 से 24 हजार रुपए क्विंटल ही बिक रहा है। इसमें अथी और गिरावट की आशंका है। ऐसे में मण्डी में लेवाल व दक्षिण के व्यापारी भी पीछे हट रहे है।
आवक 25 फीसदी
सीजन में जहां लहसुन की 1500 से 2500 कट्टे आवक हो रही थी, वह अब घटकर 500 से 600 कट्टे तक रह गई है। अभी कम भाव में भी मण्डी में खरीदार नहीं है। खानपुर मण्डी में लहसुन के करीब 45 लाइसेंसधारी व्यापारी है, लेकिन गिरते भावों के चलते 15 से 20 व्यापारी ही नीलामी में भाग लेकर खरीद फरोत कर रहे है। माल की आवक घटने से व्यापारी आगामी 10 जनवरी से नई फसल आने तक मण्डी में लहसुन का कारोबार बन्द रखे जाएंगे। इनका कहना है…
चीन के लहसुन पर रोक नहीं लगी और हालात नहीं सुधरे तो लहसुन के भाव औंधे मुंह गिर जाएंग़े। इन दिनों मण्डी में लहसुन की आवक घटकर 400 से 500 कट्टे ही रह गई है। गिरते भावो से व्यापारियों व किसानो को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किशनलाल बंसल, व्यापारी चीन का लहसुन देश में आने से एक माह में 10 से 12 हजार रु पए क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। गत माह लहसुन व्यापारियों ने कारोबार बन्द रखकर विरोध जताया गया था। इसके बावजूद देश में चीन के लहसुन पर प्रभावी रोक नहीं लग पाई है।
बालचन्द नागर, अध्यक्ष लहसुन व्यापार संघ खानपुर