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झालावाड़

पहली बार हेलिकॉप्टर से भेजे हार्ट, लंग्स, किडनी और लीवर

मेडिकल कॉलेज से हेलिपैड तक ले जाने के लिए पुलिस ने ग्रीनकॉरिडोर बनाया, झालावाड़ में यह दूसरा अंगदान

झालावाड़Dec 16, 2024 / 11:36 am

harisingh gurjar

मेडिकल कॉलेज से हेलिपैड तक ले जाने के लिए पुलिस ने ग्रीनकॉरिडोर बनाया, झालावाड़ में यह दूसरा अंगदान

मेडिकल कॉलेज से हेलिपैड तक ले जाने के लिए पुलिस ने ग्रीनकॉरिडोर बनाया, झालावाड़ में यह दूसरा अंगदान

झालावाड़. शहर के एक युवक के ब्रेन डेड के बाद दान किए गए शरीर के अंग को झालावाड़ मेडिकल कालेज से जयपुर और जोधपुर पहुंचाने के लिए प्रदेश में पहली बार एयर एबुलेंस का उपयोग किया गया। युवक का हार्ट, लंग्सए किडनी और लीवर हेलिकॉप्टर से दोनों शहर भेजे गए। झालावाड़ पुलिसलाइन में हेलिपैड बनाया गया था। युवक के शरीर से अंग निकालने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज से हेलिपैड तक ले जाने के लिए पुलिस ने ग्रीनकॉरिडोर बनाया। झालावाड़ में यह दूसरा अंगदान है।

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मेडिकल कालेज में अंगदान के नोडल ऑफिसर डा. रामसेवक योगी ने बताया कि झालावाड़ शहर के पीपाधाम के निकट मानपुरा गांव के रहने वाले विष्णु प्रसाद पुत्र हरिया के गत दस दिसबर को बड़े भाई ने लकड़ी से सिर पर वार कर दिया था। बेहोश होने के बाद उसे 11 दिसबर को एसआरजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिर में गंभीर चोट होने पर उसका ऑपरेशन कर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन 12 दिसंबर को सुबह 9 बजे जांच के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उसे ब्रेन डेड घोषित करने के बाद परिजनों की समझाइश की गई। परिजनों व पत्नी के राजी होने के बाद विष्णु के अंग दान करने का निर्णय लिया गया। विष्णु के अंगों को तीन दिन तक सुरक्षित रखा गया। सोटा से प्रमाण पत्र आने के बाद उसके अंग जयपुर व जोधपुर भेजने का निर्णय लिया गया।
अंग पहुंचाने में ज्यादा समय नहीं लगे, इसके लिए एयर एबुलेंस हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की गई। रविवार को विष्णु प्रसाद के अंग के लिए उसे ऑपरेशन थिएटर में लिया गया। करीब तीन घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद उसकी एक किडनी, हार्ट और दोनों फेफड़े एसएमएस अस्पताल जयपुर और एक किडनी और लीवर एस जोधपुर भेजा गया। उसकी दोनों आंखें कोटा के शाइन इंडिया फाउण्डेशन को दी गई। झालावाड़ से सुबह 10 बजकर 22 मिनट पर अंग लेकर एयर एबुलेंस जयपुर चली गई। इस मौके पर जिला कलक्टर अजयसिंह राठौड़, मेडिकल कालेज डीन डॉ दीपक गुप्ता, अधीक्षकडॉ अशोक शर्मा, सीएमएचओ डॉ साजिद खान सहित कई चिकित्सक मौजूद रहे।

इस टीम ने किया काम

नोडल अधिकारी डा. रामसेवक योगी ने संस्था के डीन डा. दीपक गुप्ता, अधीक्षक डा. अशोक शर्मा को ब्रेन डेड होने की सूचना दी। इसके साथ ही निश्चेतना विभाग के डा.राजन नंदा, डा. रक्षा कुमारी की अगुवाई में डा. दीया, डा. जोयल, डा. धीरज, डा. विशाल, डा. आशु, डा. हरशिखा, डा.मोहन, डा. गगन, डा.साक्षी, डॉ विपाशासिंह की टीम बनाई, ताकि ब्रेन डेड मरीज के अंगों को जिंदा रखा जा सके।
ब्रेड डेड घोषित होने के बाद डा. रामसेवक योगी, डा. विशाल नैनीवाल ने विष्णु की पत्नी अनिता व पिता हरिया को अंगदान के बारे में समझाया। 12 दिसबर की रात करीब 2 बजे अंगदान की सहमति मिली। इसके बाद सारी कार्रवाई और प्रक्रिया पूरी की गई।
प्रदेश के अनूठे केस

इस बार झालावाड़ से दिए गए ऑर्गन के केस अनूठे है, जिसमें जयपुर के एक ही मरीज को दोनो लंग्स व एक हार्ट तथा एक अन्य मरीज को किडनी लगाई गई। वहीं जोधपुर एस में भर्ती मरीज को लीवर,किडनी दोनों एक ही मरीज को लगाई गई है। इस तरह के पांच लोगों को ऑर्गन लगाए गए है, हालांकि ये अलग-अलग आठ लोगों को लगाए जा सकते थे।

चार घंटे लगे

ब्रेन डेड विष्णु प्रसाद के अंगों के लिए रविवार को ऑपरेशन थियेटर में लिया गया। ऑपरेशन थियेटर में करीब चार घंटे में अंग निकालने की प्रक्रिया पूर्ण हुई। एसआरजी चिकित्सालय से लेकर पुलिस लाइन तक पूरा ग्रीन कोरिडोर बनाया। इसके लिए अधीक्षक डा. अशोक शर्मा व डा. तरूण ने कलक्टर व एसपी कार्यालय से संवाद बनाते हुए ग्रीन कोरिडोर बनाने की प्रक्रिया पूर्ण की। इस दौरान कोरिडोर के समय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल मीणा, उप अधीक्षक हर्षराजसिंह खरेड़ा आदि मौजूद रहे।

बच्चों को लिया गोद

अंगदान करने वाले मृतक विष्णु प्रसाद के बेटे राजकुमार व बंटी की पढ़ाई का पूरा खर्चा आत्माराम जनसेवा संस्थान की सचिव साधना अरविन्द ने वहन करने की जिमेदारी ली।

4 से 10 घंटे में लगाने होते हैं

डॉ. विशाल नैनीवाल ने बताया कि किसी भी व्यक्ति के शरीर से कोई भी अंग निकाला जाता है तो उसे 4 से 10 घंटे में लगाना होता है। जिसमें हार्ट को 4 से 5 घंटे, लंग्स 4 से 6 घंटे, लीवर 8 से 10,फेफडे व कीडनी 18-24 घंटे में लगाना होता है। वहीं कॉर्नियां को पांच साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

चिकित्सा सेवा ने नया इतिहास रचा-राजे

पूर्व मुयमंत्री वसुंधराराजे ने अंगदान के लिए विष्णु के परिजनों, चिकित्सा टीम और प्रशासन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं ने नया इतिहास रचा है। पहली बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए हेलिकॉप्टर का उपयोग किया गया। तीन घंटे के भीतर ऑर्गन जयपुर और जोधपुर पहुंच गए। यह प्रयास राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को नई ऊंचाई देने का संकेत है।

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