कार्यक्रम में साइबर विशेषज्ञ राजेश शर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। इनसे बचने के लिए कई उपयोगी टिप्स साझा किए। ऑनलाइन सुरक्षा के उपाय जैसे मजबूत पासवर्ड का उपयोग, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और सुरक्षित ब्राउजिंग की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।साइबर सेल के विशेषज्ञों ने बताया कि अननोन पर्सन से कभी भी ओटीपी शेयर न करें। साइबर अपराध होने पर तत्काल इसकी सूचना 1930 में दर्ज कराए। शर्मा ने कहा कि अपराध से बचने के लिए सावधानी पहली प्राथमिकता है। संदिग्ध लिंक को कभी भी क्लिक न करें। गूगल से किसी तरह के एप या अन्य डाउनलोड करने से सतर्क रहे। स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड नहीं करें।
रूके, सोचें, आगे बढ़ें
शर्मा ने कॉलेज की छात्राओं को बताया कि आजकल कई तरह के अननॉन कॉल आ रहे है, कई बार लड़कियों के नाम से या फर्जी आईडी से ली हुई सीम से वीडिया कॉल करते हैं, आप जैसे ही वीडियो कॉल उठाते हैं, वो आपकी तस्वीर जो कैप्चर कर लेते हैं, उसके साथ दूसरी अश्लील वीडियो चलती रहती है, उसके साथ उसे मिक्स कर कुछ ही देर में आपके व्हाट्सअप नंबर भेजकर आपको ब्लैकमेल किया जाएगा। पैसों की मांग की जाएगी। या कहेंगे कि इसे यूट्येब चैनल पर अपलोड किया जा रहा है। आपकी बदनामी होगी। कुछ देर बाद ही कोई पुलिस अधिकारी बनकर फर्जी तरीके से आपको फोन कर कार्रवाई की बात करेंगे। इस तरह की ठगी भी आजकल बहुत चल रही है। इससे आपको सावधान रहना है। शर्मा नेबताया कि बालिकाओं को किसी भी सोशल मीडिया पर अपनी पर्सनल फोटो शेयर नहीं करनी चाहिए। हो सकता है उसके साथ कोई छेड़छाड़कर उसका गलत उपयोग किया जा सकता है।अगर किसी भी तरह का अननॉन नंबर से फोन या वीडिया कॉल आती है तो रूके, सोचे, फिर आगे काम करें तो फ्रॉड होने की संभावना कम रहेगी।
जानकारी घर पर भी साझा करें-
कालेज की प्राचार्य चारूलता तिवारी ने कहा कि डिजिटल युग में साइबर क्राइम का खतरा लगातार बढ़ रहा है। जागरूकता और सावधानी ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। राजस्थान पत्रिका का साधुवाद आज उनकी वजह से बालिकाओं को कई तरह की अहम जानकारियां मिली है। बालिकाएं ये जानकारी अपने घर पर भी साझा करें ताकि परिवार का कोई भी व्यक्ति फ्रॉड होने से बच सके। कार्यक्रम में डॉ. नेहा कुलश्रेष्ठ, राबियासिंह,अजय मीणा आदि मौजूद रहे। संचालन हर्षित शर्मा ने किया।