विभागीय स्तर पर 5 नवंबर को मेला मैदान में विधिवत रूप से मेला कार्यालय का शुभारंभ होगा। यह मेला 12 से 20 नवंबर तक पशुपालन विभाग की देखरेख में चलेगा। इसके बाद 21 नवंबर से 14 जनवरी 2025 तक इसका संचालन नगरपालिका की देखरेख में होगा। यह मेला राज्य के सबसे बड़े पशु मेले में शामिल है। मेले का सबसे बड़ा आकर्षण रेगिस्तान का जहाज ऊंट व विभिन्न नस्ल के घोड़े भी बिक्री के लिए आएंगे। यहां पर पशुओं की कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही यहां पर मूंछ, रंगोली, मेहंदी, रस्सा कस्सी , साफा बंधन प्रतियोगिताएं भी होगी। इनमें देशी ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी भाग लेंगे और खूबसूरत पलों को अपने कैमरे में कैद करेंगे।
चंद्रभागा में दीपदान भी होगा मेले की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए जगह-जगह जवान तैनात किए जाएंगे। यह मेला रियासत काल से चला आ रहा है। इसमें देवस्थान विभाग की ओर से मोक्षदायिनीचंद्रभागा नदी में दीपदान का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। पर्यटन विभाग तीन दिन तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। जिसमें स्थानीय, हाडोती और प्रदेश के लोक कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
प्रमुख आकर्षण ऊनी कपड़ा बाजार
- कार्तिक पूर्णिमा पर मोक्षदायिनीचंद्रभागा नदी में हजारों श्रद्धालु आस्था की पवित्र डुबकी लगाते हैं और इस मेले से अपनी जरूरत की चीजों की खरीदारी करते हैं। इस मेले का सबसे प्रमुख आकर्षण ऊनी कपड़ा बाजार रहता है। जहां से समाज के सभी वर्ग के लोग अपनी जरूरत के अनुसार सर्दी से बचाव के लिए गर्म कपड़े और पूरे वर्ष पहनने के लिए कपड़े खरीदते हैं।