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15 में 14 पद खाली, मंडी का काम एक महिला कर्मचारी के भरोसे

अकलेरा. कृषि उपज मंडी में सरकार को पिछले 10 सालों से राजस्व की चपत लग रही है । करोड़ों का राजस्व देने वाली नगर की मुख्य कृषि उपज मंडी राज्य सरकार की ओर से ध्यान नही देने से उपेक्षित है। इससे सरकार को भारी भरकम सरकारी राजस्व में कमी हो रही है, अकलेरा के मंडी […]

झालावाड़Nov 04, 2024 / 08:38 pm

jagdish paraliya

  • अकलेरा. कृषि उपज मंडी में सरकार को पिछले 10 सालों से राजस्व की चपत लग रही है । करोड़ों का राजस्व देने वाली नगर की मुख्य कृषि उपज मंडी राज्य सरकार की ओर से ध्यान नही देने से उपेक्षित है। इससे सरकार को भारी भरकम सरकारी राजस्व में कमी हो रही है, अकलेरा के मंडी सचिव के पास छबड़ा, अटरू, मनोहरथाना का भी चार्ज है। जनप्रतिनिधियों का भी इस ओर ध्यान नहीं है।
अकलेरा. कृषि उपज मंडी में सरकार को पिछले 10 सालों से राजस्व की चपत लग रही है । करोड़ों का राजस्व देने वाली नगर की मुख्य कृषि उपज मंडी राज्य सरकार की ओर से ध्यान नही देने से उपेक्षित है। इससे सरकार को भारी भरकम सरकारी राजस्व में कमी हो रही है, अकलेरा के मंडी सचिव के पास छबड़ा, अटरू, मनोहरथाना का भी चार्ज है। जनप्रतिनिधियों का भी इस ओर ध्यान नहीं है।
क्षेत्र के किसानों को उपज का मूल्य दिलाने वाली उपज मंडी में वर्ष 2018 से मंडी सचिव का पद रिक्त है। अक्टूबर 2018 से फरवरी 2022 तक झालरापाटन के मंडी सचिव के पास अतिरिक्त चार्ज दिया। करीब एक साल से मंडी सचिव की नियुक्ति की लेकिन कोई स्टाफ नहीं लगाया। अकलेरा कृषि मंडी से अलग हुई मनोहरथाना मंडी का चार्ज भी सचिव के पास है. मतलब एक सचिव झालावाड बारां जिले सहित चार मंडी का काम संभाल रहे हैं। अकलेरा मनोहरथाना व बारां जिले के छबड़ा अटरू मंडी का कामकाज कर रहे है । हैरत करने वाली बात यह है कि मंडी सचिव के कामकाज के साथ ही अकलेरा मनोहरथाना मंडी में कोई भी मंडी का स्थायी कर्मचारी मौजूद नही है। सब काम भगवान भरोसे है।
ज्ञात हो कि कृषि उपज मंडी में इन दिनों जिंस की जबर्दस्त आवक हो रही है। इससे इन दिनों काफी चहल-पहल नजर आ रही है। एमपी के आसपास के जिले के किसान अपनी उपज का अधिक दाम मिलने को लेकर यहां आते हैं। किसानों की ट्रॉलियों की आवक जोरदार रहती है। व्यापरियों के मुताबिक पूरा मंडी का कैम्पस कम पड़ जाता है। अकलेरा कृषि उपज मंडी में काम कर रही मनोहरथाना मंडी को पिछले साल 25 अप्रेल 2023 से अलग कर मुख्य मंडी का दर्जा मिला है। लेकिन उसमें भी कोई स्थायी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं मिली है।
मंडी में सभी पद रिक्त

कृषि मंडी में मौजूदा 15 स्वीकृत पदों में से महज एक महिला सहायक कर्मचारी का पद भरा है। आगामी अप्रेल माह में वे भी सेवानिवृत्त होने वाली है। इस प्रकार वर्तमान में 14 पद रिक्त हैं। जिनमें वरिष्ठ लिपिक, कनिष्ठ सहायक, सूचना सहायक, चौकीदार सफाई कर्मी, जलवाहक समेत सभी पद रिक्त हैं। इन पद के सभी कर्मचारियों की पेंशन हो चुकी। यही हाल मनोहरथाना मंडी का है। यहां एक भी स्थायी कर्मचारी नहीं है। सब काम ठेका आधारित है ।
मंडी के बाहर तुल रही जिंस

कृषि मंडी में कृषि जिंसों की तुलाई के साथ ही मंडी के बाहर जिंस की तुलाई हो रही है । मंडी में 185 अधिकृत व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए गए जिसमे से 50 ही खरीद फरोख्त कर रहे है । जबकि कई व्यापारी अपने गोदामो में जिंस की तुलाई कर रहे हैं।
कृषि मंडी का राजस्व

कृषि मंडी के राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो रही है । इस वर्ष अप्रेल से सितंबर तक एक करोड़ का राजस्व एकत्रित किया गया है । वही मनोहरथाना में 45 लाख का राजस्व मिल चुका है । जबकि वर्ष 2019-20 में अकलेरा मंडी का राजस्व 416.70 लाख मनोहरथाना का 138.39 लाख, कुल 555.09 लाख। वर्ष 2020-21 में अकलेरा में 428.58 लाख, मनोहरथाना में 109.09 लाख कुल 537.67 लाख राजस्व मिला। वर्ष 2021-22 में अकलेरा मंडी में 269.72 लाख व मनोहरथाना में 57.50 लाख, कुल 327.22लाख। वर्ष 2022-23 में अकलेरा मंडी की आय 489.52 लाख व मनोहरथाना की 94.35 लाख.कुल 583.87 लाख अर्जित की।
अभी मेरे पास ही चार मंडियों का चार्ज है। अब दीपावली के बाद ट्रांसफर होने है। उसके बाद नए सेकेट्री की पोस्टिंग होगी। नए 70 सचिवो की भर्ती हुई है। जिसमें से रिक्त पदों को भरा जाएगा।
  • फूलचंद मीना, सचिव कृषि उपज मंडी समिति अकलेरा

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