झाबुआ में पीएम मोदी ने प्रदेश के सबसे बड़े जनजाति सम्मेलन के जरिए लोकसभा चुनाव का शंखनाद किया। जनसभा में पीएम मोदी ने कहा— मैं यहां लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए नहीं आया, जनता का आभार जताने आया हूं। एमपी ने पहले ही बता दिया था कि अबकी बार 400 पार। उन्होंने कहा कि झाबुआ से एमपी के साथ ही गुजरात की जनता के भी दिल के तार जुड़े हैं।
कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब अपने पापों के दलदल में फंस चुकी है। सुना है कि एमपी में कांग्रेस में भगदड़ मची है। कांग्रेस केवल नफरत फैलाने का ही काम करती है।
महिलाओं के लिए
प्रधानमंत्री ने लगभग दो लाख महिला लाभार्थियों को आहार अनुदान योजना के तहत आहार अनुदान की मासिक किस्त का वितरण किया। इस योजना के तहत मप्र की विभिन्न विशेष पिछड़ी जनजातियों की महिलाओं को पौष्टिक आहार के लिए 1500 रुपये प्रति माह प्रदान किए जाते हैं। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के लाभार्थियों को 1.75 लाख अधिकार अभिलेख वितरित किया। इससे लोगों को उनकी जमीन के अधिकार के लिए दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध हो जाएंगे।
आदिवासी युवा के लिए
टंट्या मामा भील विश्वविद्यालय उच्च जनजातीय बहुलता वाले जिलों के युवाओं को सुविधाएं प्रदान करेगा। 170 करोड़ रुपए की लागत से विकसित होने वाला यह विवि छात्रों के समग्र विकास के लिए विश्वस्तरीय अवसंरचना प्रदान करेगा। इसका लाभ झाबुआ को भी मिलेगा।
गांवों की दशा सुधारने
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना’ के तहत 559 गांवों के लिए 55.9 करोड़ रुपए जारी की। इस राशि का उपयोग आंगनवाड़ी भवन, राशन की दुकानों, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूलों में अतिरिक्त कमरे, आंतरिक सड़कों सहित विभिन्न प्रकार की निर्माण गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा के लिए
प्रधानमंत्री ने झाबुआ में सीएम राइज स्कूल का शिलान्यास किया। स्कूल छात्रों को स्मार्ट क्लास, ई- लाइब्रेरी आदि जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी को एकीकृत करेगा।
पेयजल के लिए
प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, जो मध्यप्रदेश में जलापूर्ति और पीने के पानी की व्यवस्था को मजबूत करेगी। जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई उनमें तलवाड़ा परियोजना शामिल है। यह धार और रतलाम के एक हजार से अधिक गांवों के लिए पेयजल आपूर्ति योजना है।
इसके अलावा अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 के तहत 14 शहरी जलापूर्ति योजनाएं, मप्र के कई जिलों में 50 हजार से अधिक शहरी परिवारों को लाभान्वित कर रही हैं। प्रधानमंत्री झाबुआ की 50 ग्राम पंचायतों के लिए नल जल योजना भी राष्ट्र को समर्पित की।
सड़कों के लिए भी राशि की घोषणा
प्रधानमंत्री ने मप्र में 3275 करोड़ से अधिक की कई सड़क विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित की। इसमें एनएच-47 के किमी 0.00 से किमी 30.00 (हरदा-तेमगांव) तक हरदा-बैतूल (पैकेज- I) को चार लेन का बनाना; एनएच-752डी का उज्जैन देवास खंड; एनएच-47 के इंदौर-गुजरात एमपी सीमा खंड को चार लेन (16 किमी) और एनएच-47 के चिचोली-बैतूल (पैकेज- III) हरदा-बैतूल को चार लेन और एनएच-552जी का उज्जैन झालावाड़ खंड शामिल है। इन परियोजनाओं से सड़क संपर्क में सुधार होगा और क्षेत्र में आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी।