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झाबुआ

लावारिस गायों की सेवा के मामले में मॉडल है झाबुआ की श्री सदगुरू गोशाला

95 गाय और बछड़े है वर्तमान में, पूरी टीम दिन रात लगी रहती है सेवा मे

झाबुआFeb 22, 2024 / 07:50 pm

rishi jaiswal

लावारिस गायों की सेवा के मामले में मॉडल है झाबुआ की श्री सदगुरू गोशाला

लावारिस गायों की सेवा के मामले में मॉडल है झाबुआ की श्री सदगुरू गोशाला

झाबुआ. शहर के लक्ष्मी नगर में सर्वे नंबर 44/1/1 पर 0.400 हेक्टेयर क्षेत्र में पिछले 13 साल से जनसहयोग से सद्गुरु गोशाला का संचालन किया जा रहा है। यहां वर्तमान में 95 गाय और बछड़ों को रखा गया है। इसमें बीमार और लावारिस गायों के साथ ही पुलिस द्वारा पकड़ी गई गाय भी शामिल हैं। गोशाला संचालन के लिए गठित समिति में 45 सदस्य हैं। इनके द्वारा नियमित गायों की देखभाल की जाती है। शहर के कई लोग व सामाजिक संगठन भी गायों के लिए चारे पानी का इंतजाम करते हैं। इसके चलते यह गोशाला गो सेवा के क्षेत्र में मिसाल बन चुकी है। यही वजह है कि सद्गुरु गोशाला की गिनती आदर्श गोशाला में की जाती है।
लंपी वायरस संक्रमण के दौरान किए थे विशेष इंतजाम-लंपी वायरस संक्रमण के दौरान सदगुरु गोशाला में गायों की देखभाल के विशेष इंतजाम किए गए थे। कोरोना काल में जिस तरह से संक्रमित मरीजों को रखने के लिए शासन-प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए थे। उसी की तर्ज पर गोशाला में लंपी वायरस से पीड़ित गायों को रखने के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था। जहां 6 बछड़े और एक गाय को रखा था। गोशाला समिति के सदस्य इन्हें रोजाना फिटकरी और नीम के पानी से नहलाया था। इसके अलावा पशु चिकित्सा विभाग द्वारा उपलब्ध दवाएं दी गई। इससे गायों की सेहत में सुधार हुआ। इस काम में गोशाला संचालन समिति के अध्यक्ष कैलाश डामोर, पंकज सोनी, राजेश भट्ट, मनोहर बुंदेला जितेंद्र शर्मा, दिलीप डामोर गब्बू भाई राजकुमार मनीष शर्मा मनीष माहेश्वरी आदि के द्वारा अहम भूमिका निभाई।
गोशाला संचालन पर हर माह होता है डेढ़ लाख का खर्च-

गोशाला की व्यवस्था संचालन पर हर माह करीब डेढ़ लाख का खर्च होता है। इसमें से 1 लाख 20 हजार रुपए का तो केवल भूसा आता है। इसके अलावा तीन चार मजदूरों का मेहनताना और हर माह बीमार गायों की दवाई गोली का खर्च भी शामिल है। इसके लिए जैन समाज और राठौर समाज की ओर से सहयोग दिया जाता है। वहीं हर माह गोबर की खाद के विक्रय से 12 हजार रुपए और कंडे से 10 हजार रुपए की आय होती है। इससे छोटे-मोटे खर्च निकल जाते हैं।जमीन आवंटन का इंतजार है-
चरनोई की भूमि पर पिछले 13 सालो से हम गोशाला का संचालन कर रहे हैं। प्रशासन ने अब तक गोशाला को विधिवत जमीन का आवंटन नहीं किया हैं। इससे पंजीयन में परेशानी आ रही है। श्री सद्गुरु गोशाला की गिनती आदर्श गोशाला में होती हैं।पंकज सोनी, सदस्य, श्री सद्गुरु गोशाला, लक्ष्मी नगर, झाबुआ
=====फोटो

23jh goshala 1: झाबुआ। श्री सद्गुरू गोशाला का संचालन करने वाली समिति के सदस्य गायों के साथ।23jh goshala 2: झाबुआ। गोशाला में वर्तमान में 95 गाय और बछड़े हैं।

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