scriptभगोरिया उत्सव से पहले चांदी के भाव में बढ़ोत्तरी | Increase in silver prices before Bhagoriya festival | Patrika News
झाबुआ

भगोरिया उत्सव से पहले चांदी के भाव में बढ़ोत्तरी

इस साल रिकॉर्ड 74 हजार हजार रुपए पर पहुंची कीमत

झाबुआMar 06, 2024 / 07:57 pm

rishi jaiswal

भगोरिया उत्सव से पहले चांदी के भाव में बढ़ोत्तरी

भगोरिया उत्सव से पहले चांदी के भाव में बढ़ोत्तरी

झाबुआ. लोक संस्कृति के सबसे बड़े उत्सव भगोरिया से पहले चांदी की कीमत रिकॉर्ड 74 हजार रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई। इसका असर आने वाले त्योहार के साथ ही आदिवासी समाज में होने वाले विवाह समारोह पर भी पड़ना तय है। गौरतलब है कि आदिवासी संस्कृति में चांदी का अपना अलग महत्व है। भगोरिया उत्सव हो या फिर विवाह आयोजन, महिला और पुरुष तीन से पांच किलो तक चांदी के गहने पहनते हैं। हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय बाजार का असर चांदी की बढ़ी कीमतों पर देखने को मिला है। अचानक से चांदी के भाव 69 हजार रुपए से 74 हजार रुपए पर जा पहुंचे हैं। ऐसे में आदिवासी समाज निश्चित तौर पर चांदी के गहनों की खरीदारी में कटौती करेगा। इसका असर स्थानीय बाजार पर पड़ेगा।
नख से सिख तक चांदी के गहने पहनती हैं महिलाएं-
18 मार्च से भगोरिया उत्सव प्रारंभ होगा। इस दौरान महिलाएं नख से लेकर सिख तक चांदी के गहने पहनती है। इसमें मांग टीका, तागली, सांकली, बाजटिया (बाजूबंद), झेला, कंदोरा, तोड़े, हाथ फूल, मठिए, अमलेली-करमदी, मच्छी बिछिया आदि प्रमुख गहने हैं। जिनका कुल वजन 3 से 5 किलो तक होता है। वहीं पुरुष भोरिया, चांदी का बेल्ट, मुरकी, चेन और शर्ट में चांदी के बटन वाली लड़ी पहनते हैं। ये गहने न केवल आदिवासी समाज की संस्कृति से जुड़े हैं बल्कि समृद्धि की भी पहचान है। चांदी की कीमत बढ़ने से त्योहार पर असर देखने को मिल सकता है।
शादी-ब्याह पर भी असर-
चांदी की बड़ी कीमतों का असर आदिवासी समाज में होने वाले शादी ब्याह पर भी पड़ना तय है। पारंपरिक रूप से वर और वधू दोनों ही विवाह समारोह में चांदी के गहने ही पहनते हैं। शादी ब्याह का सीजन भगोरिया के बाद शुरू हो जाता है और बारिश होने तक जारी रहता है। इस दौरान आदिवासी खास तौर पर चांदी के गहनों की खरीदारी करते हैं। कीमत बढ़ने की वजह से उन्हें अपने बजट में कटौती करना होगी।
अतरराष्ट्रीय बाजार का असर-
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही उथल-पुथल का असर चांदी की कीमतों पर पड़ा है। इससे आने वाले दिनों में भगोरिया उत्सव और आदिवासी समाज में होने वाले विवाह आयोजन पर असर पड़ना तय है। वहीं स्थानीय सराफा बाजार भी इससे प्रभावित होगा।
गोपाल सोनी, सराफा व्यापारी, झाबुआ

Hindi News/ Jhabua / भगोरिया उत्सव से पहले चांदी के भाव में बढ़ोत्तरी

ट्रेंडिंग वीडियो