आपत्तिकर्ताओं ने बताया कि हमने ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं की बैठकें कर आपत्ति प्रस्ताव पारित कर प्रस्तुत दिए और पृथक-पृथक आपत्तियां प्रस्तुत की है। किसी भी हाल में हमारी जमीन नही देगें। परम्परा अनुसार परिवार के बंटवारों में जमीन बट जाने से बड़े खाते न होकर अब केवल खाने लायक अनाज पकाने के लिए छोटे छोटे टुकड़ों में ही जमीन है और वह भी सडक़ निर्माण में अधिग्रहित हो जाए तो हम कहां जाएंगे और क्या खाएंगे।
रतलाम जिले से थांदला क्षेत्र में होगा प्रवेश
उक्त एक्सप्रेषवे रतलाम जिले के शिवगढ़ए रावटी से माही नदी को क्रॉस करते हुए थांदला तहसील के केशरपुरा ग्राम से झाबुआ जिले में प्रवेश करेगा व मोरझरी से सागर.अहमदाबाद हाइवे को क्रॉस करता हुआ मेघनगर खण्ड के 7
गांवों से होकर चारेल से गुजरात मे प्रवेश करेगा ।
यहां से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-बम्बई एक्सपेसवे झाबुआ जिले में केवल थांदला विधानसभा क्षेत्र के थांदला, मेघनगर विकासखंड के गांवों से होकर गुजरात के
दाहोद जिले में प्रवेश करेगा। इस मार्ग में थांदला खंड के 32 गांव व मेघनगर खंड के 7 गांवों से होकर गुजरेगा ।
हम संज्ञान ले लेंगे
दावे-आपत्ति के अंतिम दिन होने से जमीन अधिग्रहण के दायरे में आने वाले इन 39 गांवों से करीब 400 ग्रामीण तहसील कार्यालय पहुंचे, परन्तु एसडीएम के जिला मुख्यालय जाने से असमंजस में रहे। इस प्रतिनिधि ने इस बारे में जब जिला कलेक्टर आशीष सक्सेना से दूरभाष पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जिन्हें भी आपत्ति हो वे कार्यालय में सम्बंधित बाबू के पास प्रस्तुत कर दें हम संज्ञान ले लेंगे ।