scriptमप्र में 3907 तेंदुए, झाबुआ, थांदला, पेटलावद रेंज में ९ होने के प्रमाण मिले | Evidence of 3907 leopards found in Madhya Pradesh, 9 in Jhabua, Thand | Patrika News
झाबुआ

मप्र में 3907 तेंदुए, झाबुआ, थांदला, पेटलावद रेंज में ९ होने के प्रमाण मिले

जिले में वन क्षेत्र बढऩे से वन्य प्राणियों की संख्या में भी इजाफा हुआ

झाबुआMar 06, 2024 / 01:31 am

rishi jaiswal

मप्र में 3907 तेंदुए, झाबुआ, थांदला, पेटलावद रेंज में ९ होने के प्रमाण मिले

मप्र में 3907 तेंदुए, झाबुआ, थांदला, पेटलावद रेंज में ९ होने के प्रमाण मिले

झाबुआ. मप्र टाइगर स्टेट के साथ लेपर्ड स्टेट का दर्जा हासिल कर चुका है। प्रदेश में 3907 लेपर्ड हैं। इसमें झाबुआ वन मंडल का भी योगदान है। झाबुआ, थांदला और पेटलावद रेंज में अधिकृत तौर पर 9 तेंदुए मिलने के प्रमाण मिले है।
दरअसल जंगल का घनत्व बढऩे के साथ ही वन्य प्राणियों की संख्या में इजाफा हुआ है।
73 हजार हेक्टेयर में फैला है वन क्षेत्र: जिले के तीनों वन परिक्षेत्र में कुल 73 हजार 672 हेक्टेयर वन क्षेत्र हैं। इसमें से झाबुआ में 18 हजार 119 हेक्टेयर वन क्षेत्र हैं। जबकि थांदला में 21 हजार 309 हेक्टेयर और पेटलावद वन परिक्षेत्र में 34 हजार 243 हेक्टेयर वन क्षेत्र हैं। यहां गणना के दौरान तेंदुए के मल मूत्र, बाल,पेड़ों पर खरोच आदि देखकर उनकी संख्या का पता किया गया। सबसे ज्यादा तेंदुए झाबुआ रेंज के अंतर्गत आने वाले नल्दी के जंगल में पाए गए हैं। इसके अलावा नवापाड़ा बौचका, कालमोडा-पारा, थांदला रेंज के देदला मोखडा व सजेली नानियासाथ और पेटलावद रेंज में भी तेंदुआ होने की पुष्टि हुई है।
जिले में कब-कब दिखा तेंदुआ फरवरी 2024:
झाबुआ वन परिक्षेत्र के ग्राम बोचका में तेंदुआ नजर आया था। उस वक्त तेंदुए के हमले में तीन ग्रामीण घायल हुए थे। जून 2023: झाबुआ से लगी हाथीपावा की पहाड़ी पर तेंदुआ देखा गया था। 21 मई-2023: झाबुआ के पास ग्राम डूंगरालालू में तेंदुआ पुलिया के नीचे घुस कर बैठ गया था। इस दौरान ग्रामीणों ने उस पर पत्थर बरसाए तो तेंदुआ आक्रामक हो गया और उसने पांच ग्रामीणों को घायल कर दिया। 12 दिसंबर 2023: थांदला वन परिक्षेत्र के ग्राम बांडीसेरा में तेंदुए ने 6 लोगों को घायल कर दिया था। इसके बाद तेंदुआ जंगल में भाग गया था। 13 फरवरी 2022: नल्दी के जंगल में एक तेंदुए की मौत हो गई थी। तेंदुआ कई घंटे भूखे प्यासे तार के फंदे में फंसा रहा था। इंदौर से रेस्क्यू टीम के झाबुआ पहुंचने में कई घंटे का वक्त लगा। स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू के लिए कोई उपकरण नहीं होने से तेंदुए को बचाया नहीं जा सका। जिससे उसने दम तोड़ दिया था। जून 2021: पारा के पास खांड्याखाल और मातासुला में नदी के किनारे तेंदुआ दिखा था। उस वक्त तेंदुए के हमले में 5 लोग घायल हुए थे।वन विभाग की टीम रेस्क्यू के लिए गई तो वन कर्मी इरफान खान पर भी तेंदुए ने हमला कर दिया था। उन्हें 7 टांके आए थे। दिसंबर 2017: पेटलावद क्षेत्र में बाघ नजर आया था। इस दौरान प्रदेश स्तर तक का अमला अलर्ट हो गया था। हालांकि बाद में बाघ कहां लापता हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। मार्च 2016: लंबेला के जंगलों में तेंदुआ दिखाई दिया था। हमले में 6 लोग घायल हुए थे, जिसमें से एक की मौत हो गई थी।
झाबुआ जिले में 9 तेंदुए मिले हैं
&हमारे जिले में अधिकृत तौर पर 9 तेंदुए मिले हैं। वन और वन्य प्राणियों के लिहाज से यह अच्छी और सुखद खबर है। हमारे जिले में वनों का घनत्व बढऩे के साथ ही वन्य प्राणियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
एचएस ठाकुर, डीएफओ, झाबुआ

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