रारी से लेकर नवसृजित मल्हनी विधानसभा चुनाव के अब तक के परिणामों पर नजर डालें तो भगवा खेमा यह समझ रहा है कि यहां बहुत कठिन है डगर पनघट की… मौजूदा सियासी हालातों में मोदी- योगी की सफल जोड़ी, मोदी की छवि का बरकरार आकर्षण, प्रदेश व देश की सत्ता हांथ में होने की हनक कुछ ऐसे अहम फैक्टर हैं जिसने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंक दी है।
यहां बिखरा विपक्ष सत्ता पक्ष की घेरेबंदी से कैसे पार पा सकेगा फिलहाल अभी इसका भी कोई रोडमैप नहीं दिख पाया है। सीएम योगी ने यहां आकर भाजपा सरकार की उपल्बधियों का बखान करने के साथ ही भविष्य के सपने भी दिखाए लेकिन यह सारी कवायद परिणाम के लिहाज से कितना मुफीद होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। चुनावी परिस्थितियों के लिहाज से राजनीति के जानकारों का मानना है कि यहां सपा व भाजपा के लिए नाक का सवाल बन चुका यहां का उपचुनाव दिलचस्प सियासी जंग का गवाह बनेगा।