घटना के संबंध में पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रार्थी रामप्रसाद भगत उम्र 34 साल निवासी बोड़ातालाब ने थाना नारायणपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि घटना दिनांक 14 नवम्बर की शाम को इसके गांव का सुमित कुजूर उम्र 18 साल कहीं से शराब पीकर घर में आया और अपने पिता अनिल कुजूर उम्र 46 साल से किसी बात को लेकर लड़ाई-झगड़ा करने लगा। झगड़ा करते हुये सुमित कुजूर अपने पिता से बोला कि, मैं जंगल में जाकर जहर पी लिया हूं, बोलकर अपने घर से निकल गया, जिसे ढूंढने के लिए परिजन एवं मोहल्ले के लोग जंगल की ओर गए पर सुमित कुजूर उन्हें नहीं मिला, तत्पश्चात् रात्रि में ही अनिल कुजूर वापस अपने घर लौट आया।
अंधविश्वास में जकड़ा हुआ था आरोपी अनिल कुजूर द्वारा अपने पुत्र सुमित कुजूर के नहीं मिलने से पड़ोस में रहने वाली महिला अलपमुनी बाई उम्र 40 साल के उपर अंधविश्वास में आकर शंका करता था कि वह उसके पुत्र के उपर कुछ जादू-टोना कर दी है। इस बात से नाराज होकर अनिल कुजूर रात्रि लगभग 10:30 बजे उक्त महिला के घर में जाकर दरवाजा खुलवाने हेतु बोला एवं घर में प्रवेश कर अलपमुनी बाई को बोला कि तुम मेरे बेटे को कुछ कर दी हो, इसलिए वह वापस घर नहीं लौटा है। फिर वह तैश में आकर अलपमुनी बाई को पकड़कर तालाब की ओर ले जाकर रोड में हंसिया से बांए गाल एवं गर्दन में वार कर उसकी हत्या कर दिया। प्रार्थी की रिपोर्ट पर उक्त धारा सदर का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
घटना के बाद से फरार था आरोपी पुलिस की विवेचना के दौरान प्रकरण के आरोपी अनिल कुजूर को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर उक्त अपराध को घटित करना स्वीकार किया एवं उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त लोहे के हंसिया को जप्त किया गया। आरोपी अनिल कुजूर उम्र 46 साल निवासी बोड़ातालाब थाना नारायणपुर के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर उसे 20 नवम्बर को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपी को गिरफ्तार करने में निरीक्षक जनक राम कुर्रे, प्रआर अनानियुस टोप्पो, आर सुरेश टोप्पो की महत्वपूर्ण भूमिका रही।