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इस पूरे घटनाक्रम के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जशपुर के जिला जेल में पदस्थ जेलर विजयानंद सिंह दशहरा के दिन अपने पूरे परिवार के साथ रावण दहन देखने के लिए रणजीता स्टेडियम गए हुए थे। रावण दहन के दौरान वे अपने परिवार के साथ बालक हाईस्कूल के पास खड़े होकर देख रहे थे। उसी दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके उपर किसी चीज से हमला कर दिया, लेकिन उन्हें चोट ना लगते हुए उनके साथ खड़े उनके बेटे के सर में लगी।छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में हुआ थोक तबादला, 257 सब इंस्पेक्टर हुए इधर से उधर, यहां देखें लिस्ट
बेटे के सर में चोट लगने के कारण खून बहने लगा, जिसके बाद वे अपने बेटे को लेकर सीधे जिला अस्पताल पहुंचे और बच्चे का उपचार करवाए। बेटा का उपचार करवाने के बाद घटना की लिखित शिकायत उनके द्वारा सिटी कोतवाली में दी गई है। मामले की शिकायत मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।कुछ समय पूर्व जशपुर जिला जेल में पीड़िता पक्ष की राशि का गबन करने का मामला सामने आया है। इस मामले में जांच होने के बाद इसके सारे दस्तावेजों को उनके द्वारा सिटी कोतवाली और कलेक्टर को आगे की कार्रवाई करने के लिए सौप दिया है। वहीं इस मामले में विभाग की ओर से उन्हें मुख्य गवाह भी बनाया गया है। वहीं जेलर विजयानंद सिंह को इस संबंध में 12 एवं 15 अक्टूबर को गवाही भी देनी है। घटना के बाद जेलर विजयानंद सिंह का कहना है कि उनके द्वारा कलेक्टर और सिटी कोतवाली को जेल घोटाले से संबंधित जरूरी दस्तावेज दिए जाने के बाद से उसे परेशान किया जा रहा है।
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